भारत के EMISAT और 28 विदेशी उपग्रह ले जा रहे PSLVC45 का सफल प्रक्षेपण
इसरो ने बताया कि इन सभी उपग्रहों का वाणिज्यिक समझौतों के तहत प्रक्षेपण किया जा रहा है। फरवरी में इसरो ने फ्रेंच गुआना से भारत का संचार उपग्रह जीसैट-31 प्रक्षेपित किया था।
श्रीहरिकोटा। भारत के एमीसैट उपग्रह के साथ विदेशी ग्राहकों के 28 नैनो उपग्रह लेकर जा रहे इसरो के पीएसएलवी सी45 का सोमवार को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया गया और उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया। 27 घंटे की गिनती खत्म होने के बाद इसरो के विश्वसनीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-क्यूएल के नए प्रकार करीब 50 मीटर लंबे रॉकेट का यहां से करीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोट अंतरिक्ष केंद्र से सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर प्रक्षेपण किया गया।
#WATCH Sriharikota: ISRO's #PSLVC45 lifts off from Satish Dhawan Space Centre, carrying EMISAT & 28 customer satellites on board. #AndhraPradesh pic.twitter.com/iQIcl7hBIH
— ANI (@ANI) April 1, 2019
एमीसैट उपग्रह का उद्देश्य विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम को मापना है। इसरो के अनुसार, प्रक्षेपण के लिए पहले चरण में चार स्ट्रैप-ऑन मोटर्स से लैस पीएसएलवी-क्यूएल रॉकेट के नए प्रकार का इस्तेमाल किया जाएगा। पीएसएलवी का भारत के दो अहम मिशनों 2008 में ‘‘चंद्रयान’’ और 2013 में मंगल ऑर्बिटर में इस्तेमाल किया गया था। यह जून 2017 तक 39 लगातार सफल प्रक्षेपणों के लिए इसरो का सबसे भरोसेमंद और बहु उपयोगी प्रक्षेपण यान है।
#WATCH live from Sriharikota: ISRO's #PSLVC45 lifts off from Satish Dhawan Space Centre, carrying EMISAT & 28 customer satellites on board. https://t.co/ia5WKcp9lR
— ANI (@ANI) April 1, 2019
इस मिशन में इसरो के वैज्ञानिक तीन अलग-अलग कक्षाओं में उपग्रहों और पेलोड को स्थापित करेंगे जो एजेंसी के लिए पहली बार होगा। अन्य 28 अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों में लिथुआनिया के दो, स्पेन का एक, स्विट्जरलैंड का एक और अमेरिका के 24 उपग्रह शामिल है। इसरो ने बताया कि इन सभी उपग्रहों का वाणिज्यिक समझौतों के तहत प्रक्षेपण किया जा रहा है। फरवरी में इसरो ने फ्रेंच गुआना से भारत का संचार उपग्रह जीसैट-31 प्रक्षेपित किया था।
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