बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

[email protected] । Mar 22 2017 3:14PM

कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय की है। इस मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती आरोपी हैं।

उच्चतम न्यायालय ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय की है। इस मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती आरोपी हैं। न्यायमूर्ति पीसी घोष की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि गुरुवार को एक उचित पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति घोष और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन शामिल होंगे। न्यायमूर्ति नरीमन आज न्यायालय में मौजूद नहीं थे। पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति नरीमन गुरुवार को वापस आएंगे और तब पीठ मामले की सुनवाई करेगी। मामले की आज सुनवाई करने वाली पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता भी शामिल थे।

हाजी महबूब अहमद (अब मृत) के वकील ने शुरूआत में निचली अदालत में मामले की स्थिति के संबंध में रिपोर्ट दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगने को लेकर एक याचिका दायर की। भाजपा नेताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने कहा कि मामले को चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया जाना चाहिए ताकि वे कुछ दस्तावेज दायर कर सकें। न्यायालय ने अयोध्या में 1992 में विवादित राम जन्मभूमि स्थल पर बाबरी ढांचा गिराये जाने के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत आरोपियों पर से आपराधिक साजिश के आरोप हटाने के आदेश के खिलाफ दायर अपील के परीक्षण का छह मार्च को निर्णय किया था।

न्यायालय ने यह भी कहा कि विवादित ढांचा गिराये जाने की घटना के मद्देनजर दर्ज दो प्राथमिकियों से संबंधित मामलों पर संयुक्त सुनवाई करने का आदेश देने का विकल्प भी है। हालांकि, आरोपियों के वकील ने दोनों प्राथमिकियों को एक में मिलाने का विरोध किया और कहा कि दोनों मामलों में अलग अलग व्यक्ति आरोपी हैं और इनके मुकदमों की सुनवाई अलग अलग स्थानों पर काफी आगे बढ़ चुकी है। वकीलों का कहना था कि इन मामलों की संयुक्त सुनवाई का मतलब नये सिरे से कार्यवाही शुरू करना होगा।

इस मामले में आडवाणी, जोशी और उमा भारती सहित 13 व्यक्तियों को आपराधिक साजिश के आरोप से मुक्त कर दिया गया था। इस मामले की सुनवाई रायबरेली की विशेष अदालत में हो रही है। दूसरा मामला अज्ञात ‘कारसेवकों’ के खिलाफ है जो विवादित ढांचे के इर्द गिर्द थे और इस मुकदमे की सुनवाई लखनऊ में हो रही है। छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में भाजपा नेता आडवाणी, जोशी और 19 अन्य के खिलाफ साजिश के आरोप खत्म करने के आदेश के विरूद्ध अहमद और सीबीआई ने याचिकाएं दायर की थीं।

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