कोविड के बाद बच्चों के कई अंगों में दिखे सूजन के लक्षण! जानिए क्या कहती है रिसर्च

Symptoms of inflammation in many organs after covid in children

डेल्टा वैरिएंट के भारी पड़ने से पहले ये अध्ययन किये गये थे , इसलिए डेल्टा संक्रमण के बाद एमआईएस-सी के संबंध में नवीनतम जानकारियां जुटाने के लिए और अनुसंधान की जरूरत है। इसका कारक क्या है? एमआईएस-सी के संदर्भ में सूजन के कारण को अच्छी तरह नहीं समझा जा सका है।

कोविड सामने आने के बाद चिकित्सकों एवं वैज्ञानिकों को सार्स-कोव-2 वायरस का पता करने में लंबा वक्त नहीं लगा जो बच्चों एवं वयस्कों को अलग-अलग ढंग से प्रभावित करता है। मार्च, 2020 के प्रांरभिक अध्ययनों में एक में सामने आया कि 40-50 फीसद संक्रमित बच्चों में खासीं एवं ज्वर थे लेकिन उनमें वयस्कों की तुलना में बहुत हल्के लक्षण थे। स्वास्थ्य अधिकारियों के बाद के अध्ययन से पता चला कि बच्चों में गंभीर बीमारी होने की संभावना कम रही और मौत के मामले दुर्लभ थे। लेकिन चिकित्सकों ने पाया कि शुरुआत में हल्के लक्षण होने याबिल्कुल कोई नहीं लक्षण नहीं होने के बावजूद कुछ बच्चों में संक्रमण के करीब चार हफ्ते बाद सूजनसंबंधी प्रतिक्रिया नजर आयी। पिछले साल मई में डॉक्टरों ने 18 बच्चों में ज्यादा-सूजन के लक्षण देखे और उनमें से एक बच्चे की मौत हो गयी। ज्यादातर मरीज सार्स-कोव-2 को लेकर निगेटिव पाये गये लेकिन एंटीबडीज को लेकर पॉजिटिव पाये गये जिसका मतलब था कि वे पहले संक्रमित हो चुके थे। उसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा ब्रिटेन एवं अमेरिका के स्वास्थ्य निकायों ने अस्थायी रूप से बच्चों में बहुअंग सूजन लक्षण (एमआइएस-सी) या सार्स-कोव-2 से संबंधित बाल सूजन बहु अंग लक्षण(पीआईएमएस-टीएस)की दशा को परिभाषित किया। तो ये लक्षण क्या थे? चूंकि कोई नैदानिक जांच नहीं है, इसलिए ऐसी दशाओं को लक्षण सामने आने से पहले बच्चों में ज्वर या सूजन संबंधी निशान या करीब चार हफ्ते में कोविड के संपर्क में आने के रूप में परिभाषित किया गया।

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अंगों के ठीक से कामकाज नहीं करने के क्लीनिकल लक्षणों में पेट में दर्द, उल्टी, अतिसार, त्वचा पर दाग, नेत्र-शोथ, होठ फटना तथा गंभीर मामलों में निम्नरक्तचाप और आघात शामिल हैं। तो यह कितना सर्वनिष्ठ है ? एमआइएस-सी दुर्लभ है। यूरोपीय प्राथमिक देखभाल रिकॉर्ड, दक्षिण कोरियाई दावे एवं अमेरिकी दावे एवं अस्पताल के आंकड़ों के अनुसारकोविड-19 का पता चलने के बाद महज 0.1 से 0.3 फीसद लोगों में 30 दिनों तक एमआईएस-सी देखा गया। एक अमेरिकी अध्ययन में 0.05 फीसद में एमआईएस-सी देखा गया। इस अध्ययन में यह भी पाया कि श्वेत लोगों की तुलना में अश्वेत, हिस्पैनिक या लातिनी और एशियाई या प्रशांत क्षेत्र मूल के लोगों में एमआईएस-सी अधिक था। डेल्टा वैरिएंट के भारी पड़ने से पहले ये अध्ययन किये गये थे , इसलिए डेल्टा संक्रमण के बाद एमआईएस-सी के संबंध में नवीनतम जानकारियां जुटाने के लिए और अनुसंधान की जरूरत है। इसका कारक क्या है? एमआईएस-सी के संदर्भ में सूजन के कारण को अच्छी तरह नहीं समझा जा सका है। एमआईएस-सी के मरीजों में शुरू में कावासाकी रोग जैसे लक्षण नजर आये , मध्यम आकार की धमनियों, खासकरबच्चों की फुफ्फुस धमनियों की दीवारें सूज गयीं। लेकिन एमआईएस-सी वाले बच्चे आम तौर पर कावासकी रोग वाले बच्चों (ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चों) की तुलना में अधिक उम्र (ज्यादातर स्कूल उम्र वाले) के थे तथा उनमें आंत संबंधी रूकावट एवं हृदयाघात नजर आये।

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अनुसंधानकर्ताओं ने स्वस्थ बच्चों, कोविड से पहले अध्ययन में शामिल कावासकी रोग वाले बच्चों, सार्स-कोव-2 से संक्रमित बच्चों एवं एमआईएस-सी वाले बच्चों की प्रतिरोधक कोशिकाओं एवं प्रतिरक्षा संबंधी अणुओं की तुलना की। इस विश्लेषण से सामने आया कि गंभीर कोविड और कावासकी रोग वालों की तुलना में एमआईएस-सी सूजन संबंधी प्रतिक्रिया भिन्न थी। अहम बात है कि इस जांच से एमआईएस-सी के रोगियों में एंटीबॉडीज के असामान्य उत्पादन का पता चला जो इंडोथेलियल कोशिकाओं (जो रक्त शिराओं में होती है) और प्रतिरक्षा कोशिकाओं की पहचान करता है। एमआईएस-सी के मामलों में एंटीबॉडीज अपने आप ही शरीर से प्रतिक्रिया करता है, जिसका तात्पर्य है कि वे सामान्य जैव-रासायनिक कामकाज में दखल देते हैं और शोथ (सूजन) को बढ़ाते हैं। उत्पादन के बाद स्वएंटीबॉडीज प्रतिरक्षा कोशिकाओं के साथ अंतर्संवाद करते हुए वृद्धि करते हैं और कई सप्ताह तक बने रहते हैं। यह बात इस तथ्य के साथ है कि एमआईएस-सी सार्स-कोव-2 के प्रारंभिक संक्रमण के साथ चार हफ्तों में शुरू होता है। वैज्ञानिकों को अब भी औपचारिक रूप से स्थापित करने की जरूरत है कि क्या स्वएंटीबॉडीज इसमें सहयोग करती हैं कि कैसे एमआईएस-सी शुरू होता है या मरीज में जब लक्षण होता है तो उनकी स्थिति कैसे बिगड़ती है। इसका उपचार कैसे किया जाता है? वैज्ञानिक अब भी एमआईएस-सी को समझने में जुटे हैं इसलिए इसलिए उसके लिए कोई स्पष्ट उपचार-पद्धति नहीं है।

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सघन चिकित्सा, प्रतिरक्षा विज्ञान एवं संधिवातीयशास्त्र, संक्रामक रोग, रूधिर विज्ञान एवं हृदयचिकित्सा में विशेषज्ञता रखने वाले बाल चिकित्सकों ने एमआईएस-सी के प्रबंधन के लिए सुझाव, सहमति एवं मार्गदर्शन विकसित की है। ज्यादातर बच्चे इस बीमारी से पूरी तरह उबर जाते हैं। डेल्टा का क्या? डेल्टा स्वरूप अन्य पिछले संस्करणों की तुलना में अधिक संक्रामक है। न्यू साउथ वेल्स में विद्यालयों, प्रारंभिक बाल शिक्षा एवं देखभाल सेवा केंद्रों में संक्रमण की दर 2020 के मूल कोविड संस्करणों की तुलना में पांच गुना अधिक थी। अमेरिकी आंकड़े अक्टूबर के पहले सप्ताह में 1,48,222 बच्चों में कोविड के मामले के बारे में बताते हैं। ये बच्चे कुल साप्ताहिक मामलों में24.8 फीसद हैं। इसलिए बच्चों में संक्रमण में वृद्धि अधिक एमआईएस-सी का बड़ा खतरा पेश करती है। टीके से खतरा घटेगा। संक्रमण को रोकने एवं संक्रमण से उत्पन्न गंभीर रूग्णता के जोखिम को कम करने के लिए आस्ट्रेलियन थेराप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (टीजीए) ने 12 साल और उससेऊपर के बच्चों में कोविड रोधी टीकारण की अंतरिम मंजूरी दी है। टीजीए ने यह भी कहा है कि फाइजर 5-11 साल के उम्र के बच्चों के वास्ते अपने कोविड रोधी टीकों की अंतरिम मंजूरी के लिए आवेदन कर सकती है। सितबर में बाद में फाइजर एवं उसके जर्मन सहयोगी बायोटेक ने 5-11 साल के 2268 बच्चों के परिणाम की घोषणा की जिन्हें वयस्कों एवं बालिगों की तुलना में एक तिहाई टीका दिया गया। नतीजों से सामने आया कि टीका सुरक्षित है एवं छोटे बच्चों में अहम प्रतिरोधक प्रतिक्रिया पैदा करता है। अमेरिकी फुड एडं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 5-11 साल के उम्र के बच्चों में फाइजर -बायोटेक कोविडरोधी टीके के आपात उपयोग की मंजूरी दी। एमआईएस-सी बच्चों में दुर्लभ बीमारी है एवं टीकाकरण इसमें और कमी लाएगा। हालांकि यह सार्स-कोव-2 से संक्रमित बच्चों के लिए एक बड़ा जोखिम है एवं उसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

-(डाई यू, प्रतिरक्षा विज्ञान प्रोफेसर, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय) ब्रिस्बेन, छह नवंबर (द कन्वरसेशन)  

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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