CBSE के पाठ्यक्रम में बदलाव पर बोले तेजस्वी यादव, RSS के एजेंडे पर चल रहा देश
तेजस्वी ने कहा कि यह देश RSS के एजेंडे पर चल रहा है। यह तो हम पहले से बोल रहे हैं कि देश नागपुर से चल रहा है। यह ज़ाहिर सी बात है कि वे (RSS) पूरे देश में संविधान की जगह अपने एजेंडे को लागू करना चाहता है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रमों में किए गए कुछ बदलाव को लेकर राजनीति हो रही है। राहुल गांधी के कटाक्ष के बाद अब बिहार में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी सीबीएसई के पाठ्यक्रम में बदलाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी ने साफ तौर पर आरोप लगाया है कि यह देश आरएसएस के एजेंडे पर चल रहा है। तेजस्वी ने कहा कि यह देश RSS के एजेंडे पर चल रहा है। यह तो हम पहले से बोल रहे हैं कि देश नागपुर से चल रहा है। यह ज़ाहिर सी बात है कि वे (RSS) पूरे देश में संविधान की जगह अपने एजेंडे को लागू करना चाहता है।
समान नागरिक संहिता पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर ऐसा कानून लाया गया तो हम संसद में इसका विरोध करेंगे। इससे पहले राहुल गांधी ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। राहुल गांधी ने इस बदलाव को 'दमनकारी' बताया है। इसके साथ ही राहुल गांधी ने शिक्षा बोर्ड और आरएसएस पर भी कटाक्ष किया। राहुल गांधी ने इस बदलाव को लेकर ट्वीट करते हुए इसे राष्ट्रीय शिक्षा श्रेडर बताया। इसका अर्थ समझने की कोशिश करें तो राहुल गांधी इसे सीधा राष्ट्रीय शिक्षा को बर्बाद करने वाला कदम बता रहे हैं। राहुल गांधी ने सीबीएसई को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सप्रेसिंह एजुकेशन भी कहा है।Patna, Bihar | This country is being run on the RSS agenda from Nagpur. It's obvious that RSS wants to implement its agenda in exchange for Constitution: RJD leader Tejashwi Yadav on change in CBSE curriculum pic.twitter.com/LfWTSFStA2
— ANI (@ANI) April 25, 2022
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दरअसल, सीबीएसई ने कक्षा 11 और 12 के इतिहास एवं राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीतयुद्ध के दौर, अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्य के उदय, मुगल दरबारों के इतिहास और औद्योगिक क्रांति से संबंधित अध्याय हटा दिए हैं। इसी तरह, कक्षा 10 के पाठ्यक्रम में खाद्य सुरक्षा से संबंधित अध्याय से ‘कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव’ विषय को हटा दिया गया है। इसके साथ ही धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति-सांप्रदायिकता धर्मनिरपेक्ष राज्य खंड से फैज अहमद फैज की दो उर्दू कविताओं के अनुवादित अंश को भी इस साल बाहर कर दिया गया है।
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