ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 86 हजार से अधिक मरीजों को प्रदान की जा चुकी हैं टेली-परामर्श सेवा

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हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत सरकार के आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) कार्यक्रम के अन्तर्गत टेली-परामर्श सेवाएं शुरू की हैं ताकि आम लोग सामान्य जांच और पुरानी बीमारी के संबंध में, स्वयं महामारी से संक्रमित हुए बिना चिकित्सकों से परामर्श कर सकें। इस सेवा को भारत सरकार के ई-संजीवनी और ई-संजीवनी-ओपीडी पोर्टल पर शुरू किया गया है

 शिमला । स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि प्रदेश के लोग अब सभी कार्य दिवसों पर अपने मोबाइल फोन से या अपने नजदीकी स्वास्थ्य उप केंद्रों (एचएससी) या (पीएचसी) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सुबह 9.30 बजे से शाम 4.00 बजे तक वर्चुअल टेलीकंसल्टेशन के माध्यम से चिकित्सकों से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत सरकार के आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) कार्यक्रम के अन्तर्गत  टेली-परामर्श सेवाएं शुरू की हैं ताकि आम लोग सामान्य जांच और पुरानी बीमारी के संबंध में, स्वयं महामारी से संक्रमित हुए बिना चिकित्सकों से परामर्श कर सकें। इस सेवा को भारत सरकार के ई-संजीवनी और ई-संजीवनी-ओपीडी पोर्टल पर शुरू किया गया है।

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उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति पोर्टल पर पंजीकरण और टोकन प्राप्त करने के बाद टेली-परामर्श ले सकता है। प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों में स्थापित टेली-परामर्श केंद्रों में चिकित्सकों को टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें ई-प्रिस्क्रिप्शन जनरेट करने का भी प्रावधान है, जो सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के साथ-साथ निजी दवाई की दुकानों में भी मान्य है। अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 5700 मरीजों को लगभग 4500 ई-ओपीडी टेली-परामर्श प्रदान किए जा चुके हैं।

प्रदेश के विभिन्न जिलों में अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2021 तक 4406 ई-ओपीडी परामर्श प्रदान किए गए हंै, जिनमें जिला बिलासपुर में 735, चंबा में 171, हमीरपुर में 572, कांगड़ा में 888, किन्नौर में 28, कुल्लू में 123, लाहौल-स्पीति में 5, मंडी में 544, शिमला में 533, सिरमौर में 154, सोलन में 427 ओर ऊना में 226 लोग शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य ने ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों (एचडब्ल्यूसी) से टेली-परामर्श सेवाएं आरम्भ की है। इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक चिकित्सा अधिकारी एक मरीज को या स्वास्थ्य उप-केंद्र में (एचएससी) सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा, प्रदेश के पांच मेडिकल काॅलेजों आईजीएमसी, टांडा मेडिकल काॅलेज, एसएलबीएसजीएमसीएच मंडी नेरचैक, आरकेजीएमसीएच हमीरपुर और एम्स बिलासपुर में स्थापित पांच विशेषज्ञ हब में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों से विशेषज्ञ चिकित्सीय परामर्श के रूप में सहायता प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि अब तक इन मेडिकल काॅलेजों के विशेषज्ञ हब से प्रदेश के 722 स्वास्थ्य उप केंद्र और 509 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 14 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जुड़ें हुए हैं और प्रदेश के लोगों को टेलीकंसल्टेशन सेवाएं प्रदान कर रहे है। प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों में स्थापित विशेषज्ञ हब द्वारा मेडिसिन, स्त्री रोग, शिशु चिकित्सा, हड्डी रोग, मनोचिकित्सा, हृदय रोग, स्नायु तन्त्र और त्वचा रोग के संबंध में विशेषज्ञ परामर्श प्रदान किया जा रहा है। अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 86 हजार 607 मरीजों को 1,10,000 से अधिक टेली-परामर्श प्रदान किए जा चुके है।

उन्होंने कहा कि अप्रैल 2020 से 30 सितम्बर, 2021 तक लोगों को मेडिसिन के संबंध में 24,945, बाल स्वास्थ्य से संबंधित 12116, स्त्री रोग से संबंधित 12630, मनोचिकित्सा से संबंधित 10505, त्वचा रोग से संबंधित 10458, हड्डी रोग से संबंधित 3607, हृदय रोग से संबंधित 221, स्नायुतन्त्र से संबंधित 177 और इसके अतिरिक्त 36621 चिकित्सा संबंधित टेली-परामर्श प्रदान किए गए हैं।

प्रदेश में टेली-परामर्श सेवाओं के फलस्वरूप दूसरे और तीसरे स्तर के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ कम हुई है और कोविड संक्रमण का खतरा भी कम हुआ है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के लोग अब अपने घर से ही या घर के नजदीक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों से रोग संबंधी परामर्श ले रहे हैं जिससे उनके समय और पैसे की बचत हो रही है।

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