डब्ल्यूईएफ का मकसद सिर्फ समझौते करना नहीं, संपर्क बढ़ाना भी है: चंद्रबाबू नायडू

 Chandrababu Naidu
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नायडू ने कहा, “दावोस नेटवर्किंग के लिए एक जगह है। पूरी दुनिया चार दिन के लिए वहां जाती है। राष्ट्राध्यक्ष और मंत्री वहां जाते हैं। न केवल सरकारें, बल्कि सभी निगम वहां होंगे।”

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को कहा कि स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की यात्रा का उद्देश्य सिर्फ समझौतों पर हस्ताक्षर करना नहीं है, बल्कि प्रभावशाली लोगों के साथ संपर्क बढ़ाना भी है।

दावोस की अपनी हालिया यात्रा पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सहित कुछ वर्गों की आलोचना को दरकिनार कर दिया।

आलोचकों का आरोप है कि नायडू के नेतृत्व में उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल खाली हाथ लौट आया और उसने केवल नायडू के आत्म-प्रचार पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि अन्य राज्य सौदे करने में कामयाब रहे।

नायडू ने कहा, “दावोस नेटवर्किंग के लिए एक जगह है। पूरी दुनिया चार दिन के लिए वहां जाती है। राष्ट्राध्यक्ष और मंत्री वहां जाते हैं। न केवल सरकारें, बल्कि सभी निगम वहां होंगे।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि दावोस के बारे में एक मिथक है कि लोग वहां केवल समझौता ज्ञापनों (एमओयू) की संख्या और निवेश की राशि पर विचार करते हैं। नायडू के अनुसार, दावोस में आयोजित डब्ल्यूईएफ ज्ञान संवर्धन और नवीनतम रुझानों को सीखने के लिए सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्कों को एक साथ लाता है।

तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख ने कहा कि उन्होंने शिखर सम्मेलन के दौरान माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स सहित कई प्रमुख लोगों से बात की। यहां केवल तीन दिन में एक ही छत के नीचे विश्वस्तर पर प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ बातचीत की जा सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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