शहीदों के नाम पर रखे जाएंगे UP की संस्थाओं के नाम: योगी
![The names of the institutions of the UP will be named after the martyrs: Yogi The names of the institutions of the UP will be named after the martyrs: Yogi](https://images.prabhasakshi.com/2017/7/_650x_2017072617302043.jpg)
योगी ने राज्य की विभिन्न संस्थाओं के नाम देश के शहीदों के नाम पर रखने का ऐलान करते हुए कहा कि स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ साथ राष्ट्र भावना से जुड़ी जानकारियां भी उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की विभिन्न संस्थाओं के नाम देश के शहीदों के नाम पर रखने का ऐलान करते हुए आज कहा कि स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ साथ राष्ट्र भावना से जुड़ी विभिन्न पहलुओं की प्रेरक जानकारियां भी उपलब्ध करायी जानी चाहिए। योगी ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्र भावना से जुड़ी विभिन्न पहलुओं की प्रेरक जानकारियां भी उपलब्ध करायी जानी चाहिए, जिससें नई पीढ़ी में राष्ट्र भक्ति की भावना प्रबल हो सके।'
उन्होंने लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल का नाम परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पाण्डेय के नाम पर करने की घोषणा की। योगी ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न संस्थाओं के नाम अब देश के शहीदों के नाम पर रखे जाएंगे। भारत माता की रक्षा में शहीद होने वाले सैनिकों के परिवारीजनों को राज्य सरकार हर सम्भव मदद उपलब्ध कराएगी।
प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक एवं मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की प्रतिमाओं पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर काकोरी काण्ड व कारगिल युद्ध के शहीदों के परिवारीजनों को सम्मानित भी किया गया। नाईक ने कहा, 'सैनिक हमारे देश की शान हैं। देश की एकता और अखण्डता की रक्षा करना वे अपना सबसे पुनीत कार्य समझते हैं। हम सभी के लिए ये वीर सैनिक प्रेरक हैं, इनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।'
योगी ने कहा कि सैनिकों का बलिदान राष्ट्र का जीवन होता है। 26 जुलाई, 1999 को पाकिस्तान की कायराना हरकत पर भारतीय सैनिकों ने अपनी विजय पताका पहरायी। भारत का इतिहास शौर्य और पराक्रम का इतिहास रहा है। हर कालखण्ड में यहां के सपूतों ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा करते हुए शहीद होने से बड़ा कोई बलिदान नहीं है। युद्धकाल के दौरान अदम्य साहस, वीरता और शौर्य का प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को विभिन्न प्रकार के वीरता पदक दिए जाते हैं। लेकिन शांतिकाल के दौरान भी आतंकवादी घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं सहित कई ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं, जिसमें सैनिक अपनी कर्मठता, शौर्य, पराक्रम तथा कर्तव्यपरायणता का परिचय देते हुए देश सेवा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा देते हैं। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने भी सम्बोधित किया।
अन्य न्यूज़