नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 70 रह गई: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
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बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि कार्बी-आंगलोंग के दशकों पुराने विवाद को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार, असम की राज्य सरकार एवं कार्बी समूहों के बीच समझौता हुआ है औ इससे इस क्षेत्र में शांति और खुशहाली का एक नया अध्याय शुरू हुआ है।
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या में कमी आई है और इनकी संख्या घटकर 126 से 70 रह गई है। बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि कार्बी-आंगलोंग के दशकों पुराने विवाद को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार, असम की राज्य सरकार एवं कार्बी समूहों के बीच समझौता हुआ है औ इससे इस क्षेत्र में शांति और खुशहाली का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से आज देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या भी 126 से घटकर 70 रह गई है।’’
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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने 21 सितंबर 2020 को राज्यसभा को सूचित किया था कि 11 राज्यों के 90 जिलों को वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं और वह केंद्रीय गृह मंत्रालय की सुरक्षा संबंधी व्यय योजनाओं के अधीन है। रेड्डी ने यह भी कहा था कि वर्ष 2019 में वामपंथी उग्रवाद की घटनाएं 61 जिलों में दर्ज की गई थी जबकि वर्ष 2020 के पूर्वाध में 46 जिलों में घटनाएं दर्ज की गईं।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2004 से 2020 के बीच नक्सलियों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में 8380 लोगों की हत्या की गई थी। पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति बहाली की दिशा में सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इसमें सरकार को ‘‘ऐतिहासिक सफलता’’ प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी कुछ महीने पहले ही कार्बी-आंगलोंग के दशकों पुराने विवाद को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार, असम की राज्य सरकार एवं कार्बी समूहों के बीच समझौता हुआ है। इससे इस क्षेत्र में शांति और खुशहाली का एक नया अध्याय शुरू हुआ है।
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