इमान अहमद के मोटापे की वजह है दुर्लभ आनुवांशिक विकार
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मिस्र की रहने वाली इमान अहमद का मोटापा दुर्लभ आनुवांशिक विकार का परिणाम है, जिसके चलते वह असामान्य रूप से मोटी हो गयीं। उनका उपचार कर रहे चिकित्सकों ने यह बात कही है।
मुंबई। मिस्र की रहने वाली इमान अहमद का मोटापा दुर्लभ आनुवांशिक विकार का परिणाम है, जिसके चलते वह असामान्य रूप से मोटी हो गयीं। उनका उपचार कर रहे चिकित्सकों के मुताबिक इस विकार से पीड़ित वह दुनिया की इकलौती इनसान हैं। इमान का यहां के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है। उनका उपचार कर रहे चिकित्सकों के अनुसार ऑपरेशन से पहले इमान का वजन 498 किलोग्राम था। सैफी अस्पताल में पिछले महीने भर्ती हुईं इमान का उपचार कर रहे डॉक्टरों ने बुधवार को जारी किए गए एक बयान में कहा, ‘‘इमान एकमात्र ऐसी शख्स हैं जिनमें इस तरह की अनुवांशिक गड़बड़ी का पता चला है।’’
मुंबई लाये जाने से पहले उनका वजन 498 किलोग्राम था लेकिन इस महीने की शुरूआत में की गई शल्यक्रिया के बाद उनका वजन 340 किलोग्राम रह गया है। चिकित्सकों का कहना है कि शल्यक्रिया से कुछ फायदा तो मिला है लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। जाने-माने बैरियेट्रिक सर्जन डॉक्टर मुफ्फजल लकड़ावाला ने एक बयान में कहा, ‘‘इमान के मोटापे की वजह बनी आनुवांशिक गड़बड़ी की पहचान ‘होमोजायगस मिससेंस वेरिएंट’ के रूप में की गई है। इससे पहले इस आनुवांशिक गड़बड़ी की पहचान यूनिवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड स्कूल ऑफ मेडिसन की ओर से कराए गए पर्सनलाइज्ड डाइबिटिज मेडिसन प्रोग्राम रिसर्च के दौरान एक व्यक्ति में की गई थी।’’ यह असंगति इमान के मोटापे की वजह है। इमान में एक और आनुवांशिक विकार है। इसका नाम सीनियर-लोकेन सिंड्रोम है। लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि इमान के मामले में यह मोटापे के लिए ज्यादा जिम्मेदार नहीं है।
आनुवांशिक विकार के कारण इमान को लगातार भूख लगती रहती है। बयान के मुताबिक ऐसे में वह लगातार भोजन की चाह रखती हैं और यह भोजन उनके शरीर में वसा और संरक्षित ऊर्जा के रूप में जमा होता रहता है। बयान में कहा गया कि दुर्भाग्यवश इस स्थिति से निपटने के लिए मौजूदा समय में कोई विशेष इलाज नहीं है। ऑपरेशन की वजह से कुछ लाभकारी प्रभाव तो हुआ है लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। बयान के मुताबिक ऐसी दवाइयां विकसित की जा रही हैं जो इस स्थिति से कम से कम आंशिक रूप से ही निपट सके। फिजियोथेरेपी के साथ-साथ इमान अनुशासित आहार पर रहेंगी और अगले दो हफ्तों में उनके मस्तिष्क का सिटी स्कैन करवाया जाएगा।
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