उल्फा ने बांग्लादेश की गैस पारेषण लाइन उड़ाने की धमकी दी

[email protected] । Apr 13 2016 4:20PM

अलगाववादी संगठन उल्फा के वार्ता विरोधी गुट ने विस्फोट कर बांग्लादेश की सबसे बड़ी गैस पारेषण पाइपलाइन को उड़ा देने की धमकी दी है जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी है।

ढाका। अलगाववादी संगठन उल्फा के वार्ता विरोधी गुट ने विस्फोट कर बांग्लादेश की सबसे बड़ी गैस पारेषण पाइपलाइन को उड़ा देने की धमकी दी है जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी है। व्यापक प्रसार वाले अखबार ‘समकाल’ ने भारतीय खुफिया एजेंसियों से प्राप्त सूचना के आधार पर अपनी खबर में कहा है कि हाल ही में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के परेश बरूआ के नेतृत्व वाले गुट ने विस्फोट कर बिबियाना गैस फील्ड की पारेषण लाइन को उड़ा देने की धमकी दी है। यह गैस फील्ड 45 फीसदी गैस की आपूर्ति करता है।

इस खबर के अनुसार हाल ही में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बरूआ की एक उल्फा कमांडर के साथ टेलीफोन पर बातचीत को टैप कर इस साजिश का खुलासा किया। बरूआ ने इस कमांडर को बांग्लादेश में गैस पाइपलाइन उड़ा देने को कहा। एक सौ उन्नीस किलोमीटर लंबी बिबियाना पाइपलाइन बांग्लादेश की सबसे बड़ी पारेषण लाइन है जो असम की सीमा से सटे हबीगंज के बिबियाना गैस फील्ड से गैस नेशनल ग्रीड पहुंचाती है। इसका संचालन अमेरिकी तेल कंपनी शेवरॉन के हाथों में है।

विदेशी एवं स्थानीय तेल कंपनियों को गैस संयंत्र अनुबंध पर देने वाली सरकारी कंपनी पेट्रोबांग्ला के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें पिछले हफ्ते यह सूचना मिली है और उन्होंने संबंधित सरकारी अधिकारियों के साथ यह मुद्दा उठाया एवं एवं शेवरॉन को चौकस कर दिया। पेट्रोबांग्ला के निदेशक एम कमरूज्जमान ने कहा कि पेट्रो बांग्ला और शेवरॉन ने संयंत्र और पारेषण लाइन की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले ही गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कानून प्रवर्तन और सुरक्षा एजेंसियों से इस कथित धमकी के मद्देनजर जरूरत कदम उठाने और चौकसी बढ़ाने को कहा गया है क्योंकि उल्फा का भारतीय गैस पाइपलाइनों में तोड़फोड़ करने का इतिहास रहा है। वैसे अधिकारियों ने कहा कि वे इसकी प्रमाणिकता और इस संगठन के बचे खुचे लोगों की क्षमता को परखने में जुटे हैं। गृहमंत्री असादुज्जमान कमाल ने इस धमकी की प्रमाणिकता और उल्फा की क्षमता पर संदेह प्रकट किया है क्योंकि उसके ज्यादातर शीर्ष नेता भारत सरकार के साथ अपनी वार्ता के मद्देनजर अपना अलगाववादी अभियान त्याग चुके हैं। उन्होंने बांग्लादेश द्वारा उल्फा को अपनी अपनी सरजमीं से खदेड़ दिये जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हालांकि परेश बरूआ अब भी फरार है लेकिन हम समझते हैं कि भारत ने उसकी गतिविधियों पर अपनी नजर लगा रखी है और हमारी भी उस पर नजर है क्योंकि उसने एक बार बांग्लादेश में शरण ली थी।’’

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