उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की हालत गंभीर, सड़क से संसद तक विपक्ष ने सरकार को घेरा
अब 19 साल की हो चुकी पीड़िता, उसके रिश्तेदार और उसके वकील जिस कार में यात्रा कर रहे थे, उसे रायबरेली में एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी।
नयी दिल्ली। बेहद संदिग्ध परिस्थितियों में कार दुर्घटना के कारण उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता जहां जिंदगी की जंग लड़ रही है, वहीं विपक्षी दलों ने मंगलवार को इस घटना के लिए भाजपा पर हमला करते हुए सत्ताधारी दल को अपने विधायक को संरक्षण नहीं देने की अपील की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ईश्वर के लिए, प्रधानमंत्री जी, इस अपराधी और उसके भाई को आपकी पार्टी से मिल रही राजनीतिक शक्ति छीनी जाए। अब भी बहुत देर नहीं हुई है।’’ उन्होंने पूछा, ‘‘कुलदीप सेंगर जैसे लोगों को हम राजनीतिक सत्ता की ताकत और संरक्षण क्यों देते हैं और पीड़िता को अपनी जिंदगी के लिए लड़ने को अकेले क्यों छोड़ देते हैं?’’ कांग्रेस, बसपा और सपा ने भाजपा पर एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को ‘‘संरक्षण देने’’ का आरोप लगाया है। जेल में बंद सेंगर तथा नौ अन्य के खिलाफ सोमवार को हत्या का मामला दर्ज किया गया। दरअसल, अब 19 साल की हो चुकी पीड़िता, उसके रिश्तेदार और उसके वकील जिस कार में यात्रा कर रहे थे, उसे रायबरेली में एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी।
Lucknow: All India Mahila Congress President Sushmita Dev and other members of the Wing protest over accident of Unnao rape victim. pic.twitter.com/ImMgRCcM2A
— ANI UP (@ANINewsUP) July 30, 2019
इस घटना में पीड़िता की दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी जबकि पीड़िता और उसके वकील महेंद्र सिंह घायल हो गए। उन दोनों की हालत बेहद नाजुक है और वे दोनों ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर हैं। पीड़िता के कार दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी होने से कुछ दिन पहले ही उसके परिजनों ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखकर इस मामले के आरोपियों द्वारा कथित रूप से धमकी दिये जाने और उनसे अपनी जान को खतरा होने की आशंका व्यक्त की थी। उच्चतम न्यायालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पीड़िता के परिजनों द्वारा हिन्दी में लिखा गया यह पत्र प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय में प्राप्त हुआ था। प्रधान न्यायाधीश ने सेक्रेटरी जनरल को इस पत्र के आधार पर एक नोट तैयार करके पेश करने का आदेश दिया है। लखनऊ में केजीएमयू ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों के मुताबिक दुष्कर्म पीड़िता और उसके वकील वेंटिलेटर पर हैं और उनकी स्थिति की निगरानी की जा रही है। उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के एक दल ने सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल उन्नाव बलात्कार पीड़िता की मां से मंगलवार को लखनऊ में मुलाकात की। लखनऊ में, बलात्कार पीड़िता के परिजन उस अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गये जहां उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने उनके रिश्तेदार महेश सिंह की जेल से पैरोल की मांग की ताकि वह अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें।
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समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के हस्तक्षेप पर धरना खत्म हुआ। अदालत ने बुधवार को अंत्येष्टि में हिस्सा लेने के वास्ते कुछ समय के लिए महेश सिंह को जमानत दे दी। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में धरना देते हुए सेंगर को भाजपा से बर्खास्त करने की मांग की। हालांकि, उत्तरप्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद विधायक को निलंबित कर दिया गया था और आज भी यही स्थिति है। रायबरेली में सड़क दुर्घटना में घायल हुई उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश करने के एक दिन बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने पत्रकारों को बताया, ‘‘रविवार को रायबरेली में हुई सड़क दुर्घटना के मामले में एसआईटी का गठन कर दिया गया है। एसआईटी का नेतृत्व रायबरेली के अपर पुलिस अधीक्षक शाही शेखर करेंगे जबकि क्षेत्राधिकारी गोपीनाथ सोनी, लक्ष्मीकांत गौतम और आरपी शाही इस टीम के सदस्य होंगे।’’ उन्होंने बताया कि जब तक सीबीआई इस मामले को हाथ में नहीं लेती है तब तक एसआईटी सभी पहलुओं की जांच करेगी। इस बीच, बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा स्थानीय भाजपा सांसद साक्षी महाराज द्वारा जेल में बलात्कार के आरोपी भाजपा विधायक से मिलना, यह प्रमाणित करता है कि सामूहिक बलात्कार के आरोपियों को लगातार सत्तारूढ़ भाजपा का संरक्षण मिल रहा है। यह इंसाफ का गला घोंटने जैसा है। उच्चतम न्यायालय को इसका संज्ञान जरूर लेना चाहिये।
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी लखनऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर घायल लड़की का हाल जाना और उसके परिजन से मुलाकात की। उन्होंने दुर्घटना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा ‘‘आखिर परिवार का क्या गुनाह है ? सरकार को उसकी मांगें माननी चाहिये। क्या सरकार एक बेटी को न्याय नहीं दिला सकती ? अगर पीड़िता और उसके वकील की मौत हुई तो कौन जिम्मेदार होगा ? इस घटना के लिये भाजपा सरकार ही जिम्मेदार है। सपा पीड़ित परिवार के साथ है।’’ कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने का मुद्दा लोकसभा में भी उठाया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बसपा और द्रमुक ने सदन से वाकआउट किया। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने दो बार वाकआउट किया। मुद्दे पर 30 से ज्यादा सदस्य सदन में आसन के करीब जाकर ‘हमें चाहिए न्याय’ का नारा लगा रहे थे। इनमें अधिकतर कांग्रेस के सदस्य थे। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष इस मामले पर राजनीति कर रहा है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने घटना के बाद सीबीआई जांच का आदेश दिया है और वह निष्पक्ष ढंग से काम कर रही है। इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
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