उत्तराखंड में अब अवैध खनन पर भी ‘नो टॉलरेंस’: मंत्री

[email protected] । Mar 27 2017 4:22PM

राज्य सरकार ने विधानसभा में कहा कि वह भ्रष्टाचार और अपराध के साथ ही अवैध खनन पर भी ‘नो टॉलरेंस’ की नीति अपनायेगी और आने वाले समय में प्रदेश में इसके परिणाम दिखायी देने लगेंगे।

देहरादून। उत्तराखंड में कोसी नदी खनन क्षेत्र में गत 24 मार्च को कथित खनन माफिया द्वारा वनकर्मी की हत्या किये जाने को ‘अत्यंत निंदनीय’ बताते हुए राज्य सरकार ने आज विधानसभा में कहा कि वह भ्रष्टाचार और अपराध के साथ ही अवैध खनन पर भी ‘नो टॉलरेंस’ की नीति अपनायेगी और आने वाले समय में प्रदेश में इसके परिणाम दिखायी देने लगेंगे। विपक्षी कांग्रेस सदस्य प्रीतम सिंह द्वारा इस संबंध में लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि इस गंभीर घटना पर त्वरित कार्रवाई करने में सरकार ने कोई कोताही नहीं की और मामले के दोषियों को कतई बख्शा नहीं जायेगा।

प्राथमिकी में दर्ज किये गये घटना से संबंधित विवरण को ‘मानवता को शर्मसार’ करने वाला बताते हुए मंत्री ने कहा कि मामले में आरोपी बनाये गये एक नामजद जसवंत सिंह उर्फ जस्सी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है जबकि अन्य नामजद अभियुक्तों को भी जल्द ही गिरफ्त में ले लिया जायेगा। इस संबंध में उन्होंने यह भी कहा कि घटना के आरोपी प्रयासरत थे कि वे किसी का संरक्षण लेलें लेकिन इस मामले में तत्काल कार्रवाई हुई। पंत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को उसी दिन एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी और अब उन्होंने परिवार की आर्थिक स्थिति के मददेनजर चार लाख रूपये और देने की घोषणा की है। उन्होंने मृतक की पत्नी को भी मानकों के आधार पर सरकारी नौकरी में सेवायोजित करने पर भी विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि घटना की नैतिक जिम्मेदारी भी तय की जा रही है और भ्रष्टाचार तथा अपराध की तरह राज्य सरकार अवैध खनन पर भी ‘नो टालरेंस’ की नीति अपनायेगी।

पंत ने कहा कि अवैध खनन का कतिपय सफेदपोशों द्वारा संरक्षण किये जाने की बात भी आती रही है और सरकार वादा करती है कि अवैध खनन को रोकने के कड़े प्रयास किये जायेंगे। आने वाले समय में इसके परिणाम दिखायी देने लगेंगे। इससे पहले, कांग्रेस सदस्य प्रीतम सिंह ने मामले को उठाते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि सत्ता में आने से पहले उसके द्वारा दिया गया ‘‘न भय, न भ्रष्टाचार’’ का नारा सिर्फ एक नारा ही बनकर रह गया है और खनन माफिया बेखौफ होकर सरकारी कर्मचारी की हत्या कर रहे हैं।

सिंह की इस बात का अन्य कांग्रेसी सदस्यों गोविंद सिंह कुंजवाल, करण माहर, हरीश धामी, मनोज रावत और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी समर्थन किया। इंदिरा ने कहा कि सरकारी कर्मचारी की हत्या होना एक गंभीर प्रश्न है और प्रदेश सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इसे हास-परिहास से परे रखकर कड़े निर्देश दे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

गौरतलब है कि गत 24 मार्च की शाम कोसी नदी के ज्वालापुर वन क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने का प्रयास कर रहे वन बीट वॉचर पहलवान सिंह की कथित खनन माफियाओं ने ट्रैक्टर ट्राली से कुचलकर हत्या कर दी थी।

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