उत्तराखंड में केंद्र सरकार का वस्त्रहरण हुआः शिवसेना

[email protected] । Apr 22 2016 5:31PM

शिवसेना ने मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि पर्वतीय राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र के फैसले को ‘‘कचरे की टोकरी’’ में फेंक दिया गया और इससे केंद्र का ‘‘वस्त्रहरण’’ हो गया है।

मुंबई। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले के बाद राजग के एक महत्वपूर्ण घटक शिवसेना ने भी आज मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि पर्वतीय राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र के फैसले को ‘‘कचरे की टोकरी’’ में फेंक दिया गया और इससे केंद्र सरकार का ‘‘वस्त्रहरण’’ हो गया है। शिवसेना ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को बहाल करने के अदालत के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे राष्ट्रपति पद की प्रतिष्ठा भी ‘‘घूसरित’’ हुयी है।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा गया है कि ‘‘न्यायपालिका ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र के फैसले को कचरे की टोकरी में फेंक दिया है। इसने केंद्र के इस रूख पर भी आपत्ति जतायी है कि राष्ट्रपति ने उसकी सिफारिश का समर्थन किया है।’’ इसमें कहा गया है कि अदालत की टिप्पणी कि राष्ट्रपति गलती कर सकते हैं, इसका अर्थ यह है कि मोदी सरकार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाकर गलती की है। मुखपत्र में कहा गया है, ''मोदी सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रपति के कार्यालय का उपयोग करने का प्रयास किया लेकिन अदालत ने ऐसा करने से रोक दिया। इससे न सिर्फ केंद्र सरकार का वस्त्रहरण हुआ है बल्कि राष्ट्रपति पद की प्रतिष्ठा भी घूसरित हुयी है।’’ शिवसेना ने कहा कि लोकतांत्रिक नजरिए से इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए।

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