Uttarkashi Tunnel Rescue Operation अंतिम चरण में पहुंचा, डॉक्टर की टीम अंदर पहुंची, जल्द आएंगे मजदूर बाहर
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संवाददाताओं के सवाल पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने तत्काल इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि बचाव पाइप के अंतिम हिस्से को ड्रिल किए गए रास्ते से डाला जा रहा है।
उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग में मलबे के अंदर 60 मीटर की ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन में एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। उत्तराखंड के अधिकारी का कहना है कि ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग के माध्यम से ड्रिलिंग पूरी हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे बचाव कर्मियों की लगातार मेहनत के बाद 41 मजदूर अब किसी भी समय टनल से बाहर आ सकते है। उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ड्रिलिंग पूरी हो गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा सुरंग बचाव स्थल पर पहुंच चुके है।
संवाददाताओं के सवाल पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने तत्काल इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि बचाव पाइप के अंतिम हिस्से को ड्रिल किए गए रास्ते से डाला जा रहा है। सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे 41 मजदूर इसके अंदर फंस गए थे। बीते 16 दिनों से मजदूर लगातार सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं जिन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
सुरंग में गए डॉक्टर
टनल में खुदाई का काम पूरा होने के बाद एनडीआरएफ की टीम और डॉक्टरों की टीम सुरंग के अंदर गई है। बचाव दल के डॉक्टर, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सुरंग में जाने लगे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के अधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा कि मजदूरों की सेहत जांचने के लिए डॉक्टरों की टीम तैयार है। सभी मजदूरों को टनल से बाहर निकालने में कुल दो से तीन घंटे का समय लगेगा।
एम्बुलेंस हुई तैयार
रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद अब सुरंग के अंदर ही एम्बुलेंस भेजी गई है। टनल के बाहर लगभग नौ से 10 एंबुलेंस मौजूद हैं जिन्हें स्टैंडबाय पर रखा गया है। अस्पताल तक 35 किमी सड़क को जीरो जोन बनाया गया। किसी भी अन्य गतिविधि की अनुमति नहीं है।
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