वाराणसी पारा दस डिग्री तक गिरा, बारिश ने तोड़ा 52 साल का रिकार्ड
अरब सागर से जन्मे टाक्टे चक्रवात ने काशी को जल प्लावित कर दिया है। रात से सुबह साढ़े पांच बजे तक 63 एमएम बारिश हुई, जो कि पिछले 52 साल में सबसे अधिक है। इसके पहले वर्ष 1969 में अधिकतम 55.2 एमएम तक बारिश हुई थी।
अरब सागर से जन्मे टाक्टे चक्रवात ने काशी को जल प्लावित कर दिया है। रात से सुबह साढ़े पांच बजे तक 63 एमएम बारिश हुई, जो कि पिछले 52 साल में सबसे अधिक है। इसके पहले वर्ष 1969 में अधिकतम 55.2 एमएम तक बारिश हुई थी। वहीं मौसम विभाग के अनुसार कल रात तक बनारस में अधिकतम 10 एमएम बारिश ही दर्ज की गई थी।
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अरब सागर से जन्मे टाक्टे चक्रवात ने काशी को जल प्लावित कर दिया है। रात से सुबह साढ़े पांच बजे तक 63 एमएम बारिश हुई जो कि पिछले 52 साल में सबसे अधिक है। इसके पहले वर्ष 1969 में अधिकतम 55.2 एमएम तक बारिश हुई थी। पश्चिमी तट का चक्रवात बनारस शहर समेत पूरे पूर्वांचल भर में अब तूफानी वर्षा के रूप में दस्तक दे रहा है। आज रात से सुबह तक आकाशीय बिजलियों और बादलों की तड़तड़ाहट नगर भर में गूंजती रही। सड़कों पर पानी का प्रवाह मानो नदी सरीखा हो गया। वहीं गुरुवार सुबह का औसत तापमान भी रिकार्ड 24 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया।
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मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि गुरुवार को भी पूरे दिन ऐसा ही बरसात होगा, वहीं शुक्रवार से मौसम खुलने लगेगा। वहीं कल अलसुबह से शुरू हुई बारिश दोपहर तक रिमझिम-रिमझिम होती रही, वहीं शाम होते-होते यह झमाझम बारिश में परिवर्तित हो गई। देर शाम से लेकर रात तक चमक-गरज के साथ हुई बारिश ने बनारस समेत पूरे पूर्वांचल को सराबोर कर दिया। इस बीच बनारस का अधिकतम तापमान विगत तीन दिनों के मुकाबले करीब 14-15 डिग्री सेल्सियस नीचे आ गया। सामान्य तापमान से यह करीब दस डिग्री नीचे रहा।
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