पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर आधारित पांच पुस्तकों का देश के दिग्गज राजनेताओं ने किया लोकार्पण

rajnath and dhankar
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अर्ध शताब्दी पूर्व जो चिंतन दीनदयाल जी ने प्रस्तुत किया वह आज के आधुनिक समय में और अधिक प्रासंगिक हो चला है। भारत की केंद्र सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के आर्थिक व समाज संरचनात्मक विचारों को समाहित कर देश को आगे ले जाने का काम कर रही है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह में समारोह गौरव के रुप में पधारे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय देश  विश्व स्तर के ऐसे महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने अपने विचारों और आचरण से संपूर्ण विश्व को प्रभावित करके समस्याओं का समाधान प्रदान किया। अर्ध शताब्दी पूर्व जो चिंतन दीनदयाल जी ने प्रस्तुत किया वह आज के आधुनिक समय में और अधिक प्रासंगिक हो चला है। भारत की केंद्र सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के आर्थिक व समाज संरचनात्मक विचारों को समाहित कर देश को आगे ले जाने का काम कर रही है। 

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पुस्तक लोकार्पण समारोह में समारोह गौरव उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, मुख्य अतिथि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ मुरली मनोहर जोशी, अध्यक्षता कर रहे मुख्य संपादक डॉक्टर बजरंग लाल गुप्ता किताब वाले प्रकाशन के एमडी प्रशांत जैन, महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ नंद किशोर गर्ग, व किताब के सहसंपादक डॉ अमित राय जैन ने सामूहिक रूप से किताब वाले प्रकाशन द्वारा प्रकाशित "पंडित दीनदयाल उपाध्याय- जीवन दर्शन एवं समसामयिकता" पुस्तक का लोकार्पण किया।

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मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समारोह में उपस्थित बुद्धिजीवी वर्ग को संबोधित करते हुए कहा कि दीनदयाल जी का चिंतन विश्लेषण उनके भाषण व लेखन उनके वैश्विक स्तरीय ज्ञान को बताते हैं। प्रस्तुत पुस्तक के पांचों खंडों में अध्ययन करने पर मैंने पाया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के संपूर्ण विचारों को इन पुस्तकों में समाहित किया गया है। पंडित दीनदयाल जी के एकात्म मानववाद सिद्धांत के अध्ययन करने पर पता चलता है कि समाज की मानव आधारित संरचनात्मक व्यवस्थाओं का कितना अध्ययन पंडित दीनदयाल जी ने किया होगा। अगर यूनाइटेड नेशन ऑर्गेनाइजेशन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों को विश्व स्तर पर शोध एवं अनुसंधान करके प्रचारित प्रसारित करें तो विश्व की आतंकवाद और मानव के सह अस्तित्व की सभी समस्याओं का हल निकल जाएगा।

पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ मुरली मनोहर जोशी ने मुख्य वक्ता के रूप में उद्बोधन देते हुए कहा कि विश्व में आज प्रकृति और मानव के बीच में संघर्ष चल रहा है। प्रकृति एवं मानव के मध्य सामंजस्य रखने के विषय पर 70 वर्ष पूर्व पंडित दीनदयाल जी ने जो बातें कहीं वह सब आज सच साबित हो रही है। अगर मानवता को सुरक्षित रखना है तो पंडित दीनदयाल जी के विचारों पर केंद्रित आर्थिक व्यवस्था देश की सरकार को खड़ी करनी होगी।

पुस्तक के मुख्य संपादक डॉ बजरंग लाल गुप्ता ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म जयंती के प्रसंग पर पुस्तकों का विमोचन अत्यंत गौरवपूर्ण हैं! इस अवसर पर देश की केंद्र सरकार को चाहिए कि पंडित दीनदयाल जी के विचारों को अनिवार्य रूप से बच्चों के और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल करें! पुस्तक लोकार्पण समारोह कार्यक्रम का मंच संचालन एवं स्वागत अभिभाषण डॉ अमित राय जैन ने किया। कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान गुप्ता जी, कैबिनेट मंत्री अनिल विज, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जगदीश धनकड़, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, केंद्रीय मंत्री डॉ कृष्ण पाल गुर्जर शहीद विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा देश के विभिन्न राज्यों से बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया!

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