अडानी पोर्ट के विरोध में हिंसा, केरल के कानून मंत्री ने 'अंतिम चरण' पर हो रहे 'विरोध' पर उठाए सवाल
केरल के कानून और उद्योग मंत्री पी राजीव ने आखिरी चरण में इसे रोकने की योजना कैसे आई?" बीती रात विझिंजम थाने में हिंसक प्रदर्शन की घटना सामने आने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान पी राजीव ने इस मुद्दे को उठाया।
केरल के कानून और उद्योग मंत्री पी राजीव ने तिरुवनंतपुरम में बीती रात भड़के विरोध पर सवाल उठाया और पूछा कि परियोजना को अपने अंतिम चरण में रोकने की योजना कैसे बनी। "बंदरगाह पर निर्माण कार्य को रोकने के अलावा सात मांगों में से (राज्य सरकार द्वारा घोषित पुनर्वास पैकेज के कार्यान्वयन और इसे प्रभावित परिवारों तक पहुंचाने सहित), सभी को स्वीकार कर लिया गया। इस परियोजना के लिए किसी को भी बेदखल नहीं किया गया है। तब ,आखिरी चरण में इसे रोकने की योजना कैसे आई?" बीती रात विझिंजम थाने में हिंसक प्रदर्शन की घटना सामने आने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान पी राजीव ने इस मुद्दे को उठाया।
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गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग को लेकर अडानी बंदरगाह परियोजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने इस इसका नेतृत्व किया था। हालांकि, इससे पहले दिन में पुलिस ने तिरुवनंतपुरम में ट्रकों को रोकने के आरोप में विझिंजम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांच प्रदर्शनकारियों में से चार को रिहा कर दिया, जिसके कारण हाथापाई हुई थी। केरल के कानून मंत्री ने बंदरगाह निर्माण के समर्थन में आगे कहा, "देश का 77 प्रतिशत निर्यात कोलंबो बंदरगाह पर निर्भर करता है। लेकिन विझिंजम बंदरगाह खुद ऐसा कर सकता है जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत मददगार होगा।
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मीडियाकर्मियों से बातचीत में पी राजीव ने दावा किया कि यह संघर्ष का 'सामान्य' माहौल नहीं था। उन्होंने कहा कि "कल संघर्ष का सामान्य माहौल नहीं था। मीडिया में दिखाया गया था कि कुछ पादरियों ने पुलिस स्टेशन को जलाने का आह्वान किया था। यह इस समस्या से निपटने का तरीका नहीं है। सरकार ने बातचीत के माध्यम से इस समस्या को हल करने की कोशिश की है," उन्होंने कहा। उन्होंने कहा कि टकराव सरकार का दृष्टिकोण नहीं है।
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