उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा, आठ की मौत

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना की जांच उत्तर प्रदेश प्रशासन से न कराकर उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराई जाए।
लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई। एडिशनल एसपी अरुण कुमार सिंह बताया कि लखीमपुर की घटना में 8 लोगों की मौत हो गई। खबरों के मुताबिक दो एसयूवी वाहनों द्वारा कथित रूप से प्रदर्शनकारियों को टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) में आग लगा दी।
सूत्रों के मुताबिक मरने वालों में से चार लोग वाहनों से यात्रा कर रहे थे जबकि दो अन्य किसान थे। यहां तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के एक समूह से दो एसयूवी के कथित रूप से टकरा जाने के बाद हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों को कुचले जाने की घटना से नाराज लोगों ने कथित तौर पर दो गाड़ियों को जबरन रोककर उनमें आग लगा दी। उन्होंने कथित तौर पर कुछ यात्रियों की भी पिटाई की है। किसान मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है। इस घटना में कुछ पत्रकारों के भी घायल होने की खबर है। इस बीच हिंसा के मद्देनजर मौर्य का बनबीरपुर गांव का दौरा रद्द कर दिया गया है। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना की जांच उत्तर प्रदेश प्रशासन से न कराकर उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराई जाए।लखीमपुर की घटना में 8 लोगों की मौत हो गई: एडिशनल एसपी अरुण कुमार सिंह
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2021
इस बीच किसान आंदोलन से जुड़े योगेंद्र यादव ने कहा कि लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारियों को दो गाड़ियों से कुचले जाने के विरोध में सोमवार को देशभर में किसान जिलाधिकारी कार्यालयों के बाहर धरना देंगे। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय किसान यूनियन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और घटना के लिए भाजपा और गृह राज्य मंत्री के पुत्र पर आरोप लगाया है। इस बीच, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक चैनल से कहा कि कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अगवानी के लिए कुछ कार्यकर्ता जा रहे थे। उन्होंने बताया कि रास्ते में तिकुनिया में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कार्यकर्ताओं की गाड़ी पर पथराव कर दिया जिससे वह गाड़ी पलट गई। उन्होंने बताया कि लखीमपुर खीरी में ‘किसानों के प्रदर्शन में शामिल कुछ तत्वों’ की पिटाई में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की कार पर पथराव किया गया जिससे वह पलट गई, जिसकी चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट पीट कर हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि इस घटना में उनके बेटे की कोई संलिप्तता नहीं है।गृह राज्य मंत्री ने दावा किया, “कार्यकर्ताओं ने नहीं बल्कि किसानों ने कार्यकर्ताओं पर हमला किया। वहां किसानों के रूप में कुछ अराजक तत्व भी शामिल थे। उन्होंने ही घटना को अंजाम दिया है। इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच होगी।” समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को भाजपा सरकार के गृह राज्य मंत्री के पुत्र द्वारा गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय क्रूर कृत्य है।”It was not the workers' fault. They had come to receive the guest. They started pelting stones at the car. As soon as the cars stopped they started hitting everyone: MoS Home Ajay Mishra Teni tells ANI in a phone call
— ANI UP (@ANINewsUP) October 3, 2021
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यादव ने इस घटना को लेकर एक ट्वीट में मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लखीमपुरी खीरी में भाजपाइयों द्वारा गाड़ी से रौंदे जाने की घटना में गंभीर रूप से घायल किसान नेता तेजिन्दर सिंह विर्क जी से अभी थोड़ी बात हो पाई, उनकी अति गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार उन्हें सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराए। ’’ अखिलेश ने आगे लिखा, ‘‘बस एक मांग, मुख्यमंत्री इस्तीफा दें।’’ बसपा अध्यक्ष और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा, “उप्र के जिला लखीमपुर खीरी में तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर केन्द्रीय मंत्री के पुत्र द्वारा कथित तौर पर कई किसानों की गाड़ी से रौंद कर की गई हत्या अति-दुःखद। यह भाजपा सरकार की तानाशाही व क्रूरता को दर्शाती है जो कि इनका असली चेहरा भी है।” उन्होंने कहा, “इस घटना के संबंध में भी पीड़ितों को सरकार से उचित न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। इसलिए माननीय सुप्रीम कोर्ट इस दुःखद घटना का स्वयं ही संज्ञान ले, बीएसपी की यह मांग। साथ ही, बीएसपी के स्थानीय प्रतिनिधिमंडल को भी घटनास्थल पर जाने का निर्देश।” भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट कर दावा किया, “लखीमपुर खीरी में आंदोलन कर रहे किसानों को गृह राज्यमंत्री टेनी के बेटे ने गाड़ी से रौंदा, तीन किसानों की मौत, तेजेंद्र सिंह विर्क के भी घायल होने की सूचना है। राकेश टिकैत गाजीपुर से निकल रहे हैं।” राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्वीट किया, “लखीमपुर खीरी से दिल दहलाने वाली खबरें आ रही हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का काफिला आंदोलनकारी किसानों पर चढ़ा दिया गया। दो किसानों की मौत हो गई और कई घायल हैं।” चौधरी ने आगे लिखा, “विरोध को कुचलने का काला कृत्य जो किया है, साजिश जब गृह मंत्री रच रहे हैं, फिर कौन सुरक्षित है।” इधर, विपक्षी दलों ने लखीमपुर जाने के लिए अपनी घोषणा कर दी है। समाजवादी पार्टी के अनुसार सपा प्रमुख अखिलेश यादव सोमवार को लखीमपुर खीरी जाएंगे जबकि कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा के भी सोमवार को वहां जाने की खबर है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने बताया कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी जाएंगी और पीड़ित किसानों से मुलाकात करेंगी। प्रियंका आज देर रात लखनऊ पहुंच जाएंगी।
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