NDA सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री बने Virendra Kumar, एक जमाने में बनाते थे पंचर
मध्य प्रदेश की टीकमगढ़ और सागर लोकसभा सीट से सांसद चुने जा रहे डॉक्टर वीरेंद्र कुमार एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री बने हैं। उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का कार्यभार दिया गया है। बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने अपने राजनीतिक सफर में कई उपलब्धियां हासिल कीं।
1996 से मध्य प्रदेश की टीकमगढ़ और सागर लोकसभा सीट से सांसद चुने जा रहे डॉक्टर वीरेंद्र कुमार एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री बने हैं। उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का कार्यभार दिया गया है। बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने अपने राजनीतिक सफर में कई उपलब्धियां हासिल कीं। 17वीं लोकसभा में कुमार को प्रोटेम स्पीकर बनने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इसके अलावा भी वे मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
डॉक्टर वीरेंद्र कुमार का जन्म 27 फरवरी 1954 को हुआ था। वे बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे और 1975 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले क्रांति आंदोलन में सक्रियता से भाग लिया। डॉ. कुमार ने सागर के प्रतिष्ठित डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उनकी पीएचडी का विषय बाल श्रम था। अपनी सादगी के लिए जाने जाने वाले डॉ. कुमार अक्सर सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते हैं, यहां तक कि दिल्ली आते समय भी। एक करीबी सहयोगी के अनुसार, “जब वीरेंद्र दिल्ली आते हैं, तो वह किसी भी आम आदमी की तरह स्टेशन पर उतरते हैं और अपने घर तक पहुंचने के लिए एक ऑटो-रिक्शा लेते हैं।”
डॉ. वीरेंद्र कुमार भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर 1977-79 में मध्य प्रदेश के सागर जिले से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संयोजक के रूप में शुरू किया।1996 में वह पहली बार सागर निर्वाचन क्षेत्र से 11वीं लोकसभा के लिए चुने गए। 1996 से 2009 तक वह लगातार चार बार सागर से सांसद रहे। 2004 तक सागर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। 2009 में यह सीट सामान्य श्रेणी में आ गई, तब वीरेंद्र कुमार सागर छोड़कर टीकमगढ़ आ गए। वीरेंद्र कुमार 15वीं, 16वीं और 17वीं लोकसभा के लिए टीकमगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए। 2019 में उन्हें 17वीं लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर भी नियुक्त किया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में डॉ. वीरेंद्र कुमार ने एक बार फिर टीकमगढ़ से जीत दर्ज की।
उन्हों ने अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था। वह शुरू से ही आरएसएस, ABVP और VHP से जुड़े रहे हैं। बीजेपी में उनकी गिनती पुराने और दिग्गज नेताओं में होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में वह अल्पसंख्यक मामलों और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री भी रहे। इस प्रकार डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक ने अपने लंबे और संघर्षपूर्ण राजनीतिक करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। बचपन से ही संघर्ष करते हुए उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है।
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