राम मंदिर निर्माण के लिये राज्यपालों को ज्ञापन देगी विश्व हिन्दू परिषद

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[email protected] । Oct 15 2018 2:22PM

उन्होंने कहा कि इसके दो रास्ते हैं। पहला रास्ता है कि इस विषय पर उच्चतम न्यायालय निर्णय करे और दूसरा रास्ता संसद में कानून बनाकर मंदिर निर्माण करने का है। कुमार ने कहा, ‘‘हमें नहीं मालूम कि उच्चतम न्यायायल इस बारे में कब तक फैसला करेगा ।

नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये जागरूकता फैलाने एवं जनमत तैयार करने के लिये परिषद इस सप्ताह से देश के हर राज्य के राज्यपाल को ज्ञापन देगी और संसद में कानून बनाने के लिये नवंबर में सांसदों पर दबाव बनायेगी। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष ने बातचीत में कहा, ‘‘ राम मंदिर का चुनाव से कोई संबंध नहीं है बल्कि यह करोड़ों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा विषय है। सभी कानूनी बाधाओं को दूर करते हुए राम मंदिर का जल्द से जल्द निर्माण होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि इसके दो रास्ते हैं। पहला रास्ता है कि इस विषय पर उच्चतम न्यायालय निर्णय करे और दूसरा रास्ता संसद में कानून बनाकर मंदिर निर्माण करने का है। कुमार ने कहा, ‘‘हमें नहीं मालूम कि उच्चतम न्यायायल इस बारे में कब तक फैसला करेगा । इसलिये हम कानून बनाकर मंदिर निर्माण करने के लिये जनता की ओर से दबाव बनाने का काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि जनता में इस विषय पर जागरूकता पैदा करने के लिये विहिप इसी सप्ताह से सभी राज्य के राज्यपालों को जनता की ओर से ज्ञापन देगी ताकि वे कानून बनाने के संदर्भ में इसे केंद्र को भेज सकें।

उन्होंने कहा कि नवंबर महीने में देशभर में विहिप कार्यकर्ता क्षेत्र की जनता के साथ अपने सांसदों एवं जनप्रतिनिधियों से मिलेंगे और राम मंदिर निर्माण के लिये कानून बनाने पर जोर देंगे। विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा कि दिसंबर माह में राम मंदिर निर्माण के लिये देशभर के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यज्ञ, पूजा और अनुष्ठान होंगे। आलोक कुमार ने कहा, ‘‘ इसके बाद प्रयाग में कुंभ के दौरान 31 जनवरी से फरवरी के पहले सप्ताह तक आयोजित होने वाली धर्म संसद में स्थिति की समीक्षा होगी और आगे की रणनीति तय की जायेगी।’’

उल्लेखनीय है कि विश्व हिन्दू पारिषद ने राम मंदिर पर आगे की रणनीति पर विचार के लिये पांच अक्टूबर को संतों की उच्चाधिकार समिति की बैठक बुलाई थी जिसमें संतों ने इस वर्ष के अंत तक कानून बनाने का मार्ग प्रशस्त करने को कहा था।

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