भाजपा नेता ने उपचुनाव में पार्टी को मिली हार के लिए प्रदेश अध्यक्ष को बताया जिम्मेदार

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दिनेश शुक्ल । Oct 25 2019 8:26PM

उपचुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश के सीधी से भाजपा के वरिष्ठ विधायक केदारनाथ शुक्ल ने राकेश सिंह को असक्षम बता दिया।

भोपाल। मध्यप्रदेश में झाबुआ उपचुनाव में भाजपा की हुई करारी हार के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह के खिलाफ पार्टी में बगावती सुर फूटने लगे हैं। उपचुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश के सीधी से भाजपा के वरिष्ठ विधायक केदारनाथ शुक्ल ने राकेश सिंह को असक्षम बता दिया। जिसके बाद आनन फानन में केन्द्रीय नेतृत्व ने विधायक केदारनाथ शुक्ल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। 

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शुक्ला ने कहा कि राकेश सिंह मध्यप्रदेश के भाजपा के जिम्मेदार पद पर बैठे हैं लेकिन जिम्मेदारी का बाखूबी निर्वाहन नहीं कर पा रहे और पूरी क्षमता के साथ भी नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए उन्हें अध्यक्ष पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैंने केन्द्रीय नेतृत्व से मांग किया है कि उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जाए। बहुत सारे कारण है जो पार्टी के उचित फोरम पर मैं उन बातों को रखूंगा। लेकिन अभी तो मूल बात ये है कि मेरी केन्द्रीय नेतृत्व से यह मांग है कि उन्हें हटाया जाए।

भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ल के इस बयान के बाद भाजपा में सियासी बवाल मच गया। जिसके बाद आनन-फानन में भाजपा कार्यालय में रात नौ बजे प्रेसवार्ता कर केदारनाथ शुक्ल को नोटिस दिए जाने की सूचना दी गई। भाजपा के प्रदेश महामंत्री और सांसद वीडी शर्मा ने बताया कि शुक्ला ने जो कहा है वह पार्टी की रीति-नीति के तहत नहीं आता। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह पर अक्षमता के जो आरोप लगाए हैं, उसके संबंध में केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा के उपरांत उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सात दिन में नोटिस का जवाब आने पर पार्टी आगामी कार्रवाई करेगी, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में ही हमने अभी कुछ दिन पहले ही लोकसभा चुनाव में 29 में से 28 सीटें जीती है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि उपचुनाव भाजपा न हारी हो, इससे पहले भी सत्ता में रहते उपचुनावों में हार मिली है। 

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जबकि महामंत्री वीडी शर्मा ने कहा कि पार्टी में सभी निर्णय सामूहिक होते हैं जिसके लिए सिर्फ अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। अगर जीत सामूहिक होती है तो हार भी सामूहिक ही होती है। चूंकि झाबुआ उपचुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर अन्य सभी निर्णय प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सामूहिक तौर पर ही लिए थे। इसलिए शुक्ला के बयान को पार्टी ने गंभीरता से लिया है। 

विधायक केदारनाथ शुक्ल के बयान पर अध्यक्ष राकेश सिंह ने कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने झाबुआ में हुई भाजपा की करारी हार को लेकर कहा कि हम कमलनाथ सरकार की विफलता को जनता तक पहुंचाने में कामयाब नहीं हो पाए। जिसकी समीक्षा करेंगे और कांग्रेस की वादाखिलाफी को दोगुनी ताकत से जनता तक पहुंचाएंगे। वहीं उन्होंने कमलनाथ सरकार पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह परंपरागत सीट रही है पिछली बार कांग्रेस से बागी खड़ा होने पर भाजपा को इसका लाभ मिला था।

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लेकिन प्रदेश भाजपा में बगावत के सुर में बोलने वाले सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल को कारण बताओ नोटिस दिए जाने के बाद अभी मामला शांत होते नहीं दिख रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी भाजपा को चुनौती दी है कि आइए और सरकार गिराइए। भाजपा नेता समय-समय पर बयान देते रहे है कि मध्यप्रदेश की अल्पमत वाली कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को वह चुटकियों में गिरा देंगे। लेकिन भाजपा विधायक के इस बयान के बाद शांति छाई हुई है।

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