पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान

छह चरणीय चुनाव के पहले चरण के तहत मतदान आज सुबह सात बजे शुरू हो गया। इस चरण में वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्रों के 18 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा के छह चरणीय चुनाव के पहले चरण के तहत मतदान आज सुबह सात बजे शुरू हो गया। इस चरण में वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्रों के 18 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है। माओवादियों की ओर से किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए पश्चिमी मिदनापुर, पुरूलिया और बांकुरा जिलों में कड़ी बहु-स्तरीय सुरक्षा का घेरा बनाया गया है। चुनाव के चरण 1 (अ) के जरिए कुल 133 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला होना है, जिनमें 11 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं। आज जिन 18 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से 13 सीटों को चुनाव आयोग ने वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्र करार दिया है। सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते इन सीटों पर मतदान जल्दी यानी दोपहर चार बजे संपन्न हो जाएगा। शेष पांच निर्वाचन क्षेत्रों- पुरूलिया, मनबाजार, काशीपुर, पारा और रघुनाथपुर में मतदान दो घंटे अतिरिक्त यानी शाम छह बजे तक चलेगा। इन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं की कुल संख्या 40 लाख से कुछ ऊपर (40,09,171) है। इनमें से 20,47,202 पुरूष मतदाता हैं। तीसरे लिंग वाली श्रेणी में सिर्फ 16 मतदाता हैं।

इस चरण के तहत कुल 4,945 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से 1,962 केंद्रों को चुनाव आयोग ने अत्यधिक संवेदनशील करार दिया है। कुल 562 मतदान केंद्रों में मतदाता पावती रसीद यानी वोटर वेरीफाइएबल ऑडिट ट्रेल्स (वीवीएटी) का प्रयोग किया जा रहा है। वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को अपना सहयोगी बनाने वाली कांग्रेस पार्टी ने इस बार वाम दलों के साथ गठबंधन किया है। तीनों दलों- तृणमूल, वाम-कांग्रेस गठबंधन और भाजपा ने सभी 18 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

गोवर्धन बागडी एकमात्र ऐसे उम्मीदवार हैं जो जेएमएम की टिकट पर पारा और रघुनाथपुर दोनों सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव आयोग ने वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बल के कम से कम एक सेक्शन को तैनात करने का फैसला किया है। एक सेक्शन में लगभग 10 सुरक्षाकर्मी हैं। सेक्टर बलों और त्वरित प्रतिक्रिया बल को मिलाकर कम से कम तीन चरणीय सुरक्षा होगी।हर मतदान केंद्र पर केंद्रीय बल तैनात रहेंगे और जरूरत पड़ने पर उनकी संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। वायुमार्ग से निरीक्षण के लिए दो हेलीकॉप्टर नियमित रूप से गश्त करते रहेंगे और कोई भी अवांछित गतिविधि दिखने पर वे जमीन पर तैनात बलों को सूचित करेंगे।

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