मतदान उनके अनुकूल नहीं हो रहा, इसलिए गड़बड़ी के आरोप लगा रहे, घाटी में वोटिंग को लेकर विपक्ष पर जितेंद्र सिंह का तंज
![Voting Voting](https://images.prabhasakshi.com/2024/5/25/voting_large_1824_19.webp)
केंद्रीय मंत्री और उधमपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र सिंह ने कहा कि यहां लोग लोकतंत्र की प्रक्रिया में दिलचस्पी खो बैठे थे, यहां आतंक का साया था मतदान 6-7% होता था, यह वंशवाद पर आधारित राजनीति करने वाली पार्टियों के लिए यह अनुकूल भी था। आज लोगों में लोकतंत्र के प्रति विश्वास, श्रद्धा और दिलचस्पी जागी है इसलिए वे बढ़-चढ़कर मतदान के लिए आ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री और उधमपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र सिंह ने कहा कि इतना खुलकर चुनाव हो रहा है। कश्मीर घाटी में कोई हिंसा नहीं हुई इसके बाद भी अगर किसी राजनैतिक दल के नेता या उसके मुखिया कहते हैं कि कोई गड़बड़ हैं तो इसका अर्थ है कि मतदान उनके अनुकूल नहीं हो रहा और वहां उनके जीतने की संभावना घट रही है। केंद्रीय मंत्री और उधमपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र सिंह ने कहा कि यहां लोग लोकतंत्र की प्रक्रिया में दिलचस्पी खो बैठे थे, यहां आतंक का साया था मतदान 6-7% होता था, यह वंशवाद पर आधारित राजनीति करने वाली पार्टियों के लिए यह अनुकूल भी था। आज लोगों में लोकतंत्र के प्रति विश्वास, श्रद्धा और दिलचस्पी जागी है इसलिए वे बढ़-चढ़कर मतदान के लिए आ रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती धरने पर बैठी, मतदान के बीच कहा धांधली दोहराने की रची जा रही साजिश
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत से उत्साहित निर्वाचन आयोग बहुत जल्द केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करेगा। जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी सरकार पाने के हकदार हैं। जम्मू-कश्मीर की विभिन्न सीट पर मतदान प्रतिशत और विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए कुमार ने कहा कि संसदीय चुनावों में लोगों की भागीदारी से निर्वाचन आयोग बहुत उत्साहित है। उन्होंने कहा कि लोग - युवा, महिलाएं खुशी-खुशी बड़ी संख्या में (मतदान के लिए) निकल रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: पार्टी कार्यकर्ता की हत्या के खिलाफ जम्मू कश्मीर में BJP का प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया आमतौर पर एक महीने तक चलती है। परिसीमन की कवायद के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को आवंटित सीट को छोड़कर, विधानसभा सीट की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है। उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर में निर्वाचन आयोग को 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था।
अन्य न्यूज़