अफगानिस्तान की घटनाओं पर चिंता के साथ नजर, हालात को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की जरूरत: ब्रिक्स घोषणापत्र

BRICS
अंकित सिंह । Sep 9 2021 8:48PM

ब्रिक्स ने कहा कि हम समग्र अंतर अफगान वार्ता की आवश्यकता पर जोर देते हैं ताकि स्थिरता, शांति, कानून-व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। हम काबुल हवाई अड्डे के पास हुए आतंकवादी हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए और घायल हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज 5 देशों के समूह ब्रिक्स की बैठक हुई। इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस बैठक के बाद जारी घोषणापत्र में अफगानिस्तान को लेकर चिंता व्यक्त किया गया है। ब्रिक्स घोषणापत्र में कहा गया कि हम अफगानिस्तान में नवीनतम घटनाओं पर चिंता के साथ नजर रखे हुए हैं। हमने हिंसा से दूर रहने और हालात को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का आह्वान किया है।

ब्रिक्स ने कहा कि हम समग्र अंतर अफगान वार्ता की आवश्यकता पर जोर देते हैं ताकि स्थिरता, शांति, कानून-व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। हम काबुल हवाई अड्डे के पास हुए आतंकवादी हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए और घायल हुए। ब्रिक्स आतंकवाद से लड़ने की प्राथमिकता को रेखांकित करता है, जिसमें आतंकवादी समूहों द्वारा अफगानिस्तान की जमीन को उनकी पनाहगाह के रूप में उपयोग करने के प्रयासों को रोकना शामिल है। ब्रिक्स ने साफ तौर पर कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ हमले करने और मादक पदार्थ की तस्करी के लिए नहीं किया जाना चाहिए। हम मानवीय स्थिति पर ध्यान देने और अल्पसंख्यकों समेत सभी के मानवाधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हैं।

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विदेश मंत्रालय सचिव संजय भट्टाचार्य ने कहा कि हमने अपनी अध्यक्षता के लिए चार प्राथमिकताओं को रेखांकित किया: 1) बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार, 2) आतंकवाद-रोधी सहयोग, 3) एसडीजी प्राप्त करने के लिए तकनीकी या डिजिटल समाधानों का उपयोग करना और 4) लोगों से लोगों के जुड़ाव को बढ़ाना है। हमारा विचार ब्रिक्स सहयोग को मजबूत करने के तरीकों की तलाश करना और ब्रिक्स जुड़ाव के संस्थापक सिद्धांतों पर विकसित करना था, मुख्य रूप से निरंतरता, समेकन और आम सहमति, और हम भविष्य में और भी अधिक परिणाम-उन्मुख कैसे हो सकते हैं। ब्रिक्स नेताओं ने भी भारत की भूमिका को पहचाना और कई पहल की गईं और कई परिणाम हासिल किए गए। हमें उम्मीद है कि सभी उपलब्धियां हमारे लोगों की मदद करेंगी।  

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