राजस्थान के 33 में से 19 जिलों में पानी का संकट
जयपुर। मरू प्रदेश राजस्थान के 33 में से 19 जिले जल संकट का सामना कर रहे हैं और भीलवाड़ा शहर में तो ट्रेन से पानी की आपूर्ति की जा रही है। पानी की समस्या के मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश सरकार से तुरंत प्रभावित लोगों को पानी और पशुओं के लिए चारा उपलब्ध करवाने की मांग की है। जनस्वास्थ्य अभियात्रिंकी विभाग की मंत्री किरण माहेश्वरी ने बारिश कम होने से भूजल स्तर गिरने तथा 19 जिलों में जलसंकट की बात स्वीकार करते हुए दावा किया है कि राज्य सरकार ने संकट का समय पूर्व आंकलन कर प्रदेश के 33 जिलों को हैंडपम्प की मरम्मत और जल समस्या से निपटने के लिए पचास पचास लाख रूपये आवंटित कर दिये हैं ताकि लोगों को पानी उपलब्ध हो सके।
माहेश्वरी ने कहा कि बारिश कम होने के कारण गर्मी में पानी की समस्या का पूर्व ही आकलन कर हर जिले को कंटिजेंसी प्लान के तहत पचास पचास लाख रूपये आवंटित कर दिये गए हैं ताकि मुख्य अधिकारी अपने स्तर पर हैंडपम्प की मरम्मत करवा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब साठ लाख हैंडपम्प हैं। खराब हैंडपम्पों की तुरंत मरम्मत के लिए विशेष वाहन उपलब्ध करवाये गये हैं। माहेश्वरी ने बताया कि भीलवाड़ा में जलसंकट को देखते हुए ट्रेन से एक दिन के अंतराल में पच्चीस लाख लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है। भीलवाड़ा जिले में पानी का प्रबंध करने के लिए साढ़े आठ करोड़ रूपये मंजूर किये गये हैं। हैंडपम्प की मरम्मत के लिए पचास लाख रूपये अलग से मंजूर किये गये हैं।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अनुसार जयपुर, भीलवाडा, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, अलवर, दौसा और प्रतापगढ़ जिले जलसंकट की चपेट में हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हैंडपम्प और अन्य आपात योजना की राशि अलग से है। पानी के संकट के समाधान के लिए जिन इलाकों में राहत कार्य चल रहे हैं उनके लिए चौदह करोड इक्यावन लाख रूपये आवंटित किए गए हैं। जिन इलाकों में राहत कार्य नहीं चल रहे है उन क्षेत्रों के लिए सौलह करोड़ पांच लाख रूपये आवंटित किये गए हैं। सूत्रों के अनुसार पानी की कमी से जूझ रहे उन्नीस जिलों के 89 शहरों में लोगों को पानी उपलब्ध करवाने के लिए अठारह करोड़ ग्यारह लाख रूपये की राशि आवंटित की गई है। विभाग के एसई अखिल कुमार जैन के अनुसार, प्रदेश के सात हजार तीन सौ 64 गांवों में पेयजल का अधिक संकट है। इन इलाकों में गर्मी शुरू होने के साथ ही हैंडपम्पों में पानी का स्तर सौ फुट तक नीचे चला गया है। गर्मी बढ़ने के साथ साथ पानी का स्तर और नीचे जाने की पूरी संभावना है क्योंकि पानी का रिचार्ज नहीं होगा। विभाग ने प्रभावित गावों में टैंकरों से पीने का पानी उपलब्ध करवाने के प्रबंध कर लिये हैं। जैन के अनुसार खराब हैंडपम्पों को ठीक करवाने का काम तेजी से चल रहा है और इसके लिए विभाग ने सभी जिलों को अलग से राशि भेज दी है। उन्होंने कहा कि पानी की मांग और आपूर्ति की रोजाना निगरानी की जा रही है जिससे लोगों को परेशानी न हो।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पेयजल और पशुओं के लिए चारे की किल्लत को लेकर सरकार को आगाह किया है कि यदि समय रहते इसके प्रबंध नहीं किये तो प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार को पेयजल कमी से प्रभावित इलाकों में पानी का प्रबंध और पशुओं के लिए चारे का प्रबंध करना चाहिए जिससे प्रभावित लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश में सूखे की स्थिति पर चिंता जताते हुए सरकार से जनता को राहत देने के लिए नीति बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को पानी और चारे की सुचारू व्यवस्था करनी चाहिए।
बहरहाल, विभाग पानी के संकट से जूझ रहे इलाकों में पानी पंहुचाने के लिए पर्याप्त प्रबंध करने का दावा कर रहा है लेकिन जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र के लोग पानी के संकट से परेशान हैं। चारदीवारी इलाके में रहने वाले लोग विभाग संचालित टैंकरों पर आश्रित हैं। इन टैंकरों से पानी नि:शुल्क मुहैया कराया जाता है। मौसम विभाग के आकड़ों के अनुसार प्रदेश के जयपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, अलवर, दौसा और प्रतापगढ़ में कम वर्षा होने के कारण इन जिलों में पानी की जबरदस्त किल्लत है।
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