हमें एक-दूसरे से असहमति जताने के शालीन तरीके सीखने चाहिए: जगदीप धनखड़

राज्यपाल का तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ उस वक्त से टकराव चल रहा है, जब उन्होंने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को यहां यादवपुर विश्वविद्यालय के आंदोलनकारी छात्रों के घेराव से ‘बचाया’ था।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संविधान का सुनहरा उपहार है और इसके प्रति किसी भी तरह की असहिष्णुता देश के लोकतांत्रिक तानेबाने को नष्ट कर सकती है। धनखड़ की यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रवक्ता सनमय बंदोपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद आई है। तृणमूल कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सोशल मीडिया पर कथित रूप से आलोचना करने के बाद बंदोपाध्याय के खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी।
@dr_vijayashree Privileged to honor Dr Ashis Mukhopadhyay with the MeDe Vision AWARD for his commendable humanitarian contributions at the MeDe Vision West Bengal State Conference 2019 at Birla Industrial and Technological Museum Auditorium. pic.twitter.com/gG7llbyqHv
— Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) October 20, 2019
राज्यपाल का तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ उस वक्त से टकराव चल रहा है, जब उन्होंने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को यहां यादवपुर विश्वविद्यालय के आंदोलनकारी छात्रों के घेराव से ‘बचाया’ था। राज्यपाल ने किसी भी मुद्दे पर असहमति के लिए ‘‘शिष्ट तरीके’’ अपनाने की अपील की। राज्यपाल ने किसी का नाम लिये बिना ट्वीट किया, ‘‘अपने विचारों की अभिव्यक्ति संविधान का एक सुनहरा उपहार है और किसी भी रूप में इसकी असहिष्णुता लोकतंत्र के लिए विनाशकारी है। हम एक-दूसरे से असहमति जताने के सभ्य तरीके सीखें। संगठित ढांचा वाले तंत्र द्वारा असहिष्णुता बहुत ही चिंताजनक है।’’ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि धनखड़ की हर टिप्पणी पर जवाब देने की जरूरत नहीं है। वहीं विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने सत्तारूढ़ दल पर राज्यपाल के पद का उचित सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया।
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भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुनियोजित तरीके से धनखड़ को निशाना बना रही है और उन्हें घेरने का प्रयास कर रही है लेकिन सफलता नहीं मिलेगी । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार राज्यपाल पद का उचित सम्मान करने में नाकाम रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में विभिन्न मुद्दों पर धनखड़ और राज्य के मंत्रियों के बीच टकराव अनुचित और बचकाना प्रतीत होता है। बृहस्पतिवार को बंदोपाध्याय की गिरफ्तारी से बंगाल के सभी प्रमुख विपक्षी दलों में आक्रोश उत्पन्न हो गया। भाजपा के कुछ नेता उनके साथ एकजुटता जाहिर करने के लिये शनिवार को उनके आवास पर गये थे।
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