TMC Party Status: अब दीदी की राष्ट्रीय महत्वकांक्षा का क्या होगा, TMC के लिए ये झटका क्या मायने रखता है?

TMC Party Status
ANI
अभिनय आकाश । Apr 11 2023 12:51PM

तृणमूल कांग्रेस का गठन ममता बनर्जी ने 1998 में कांग्रेस से अलग होने के बाद किया था। तृणमूल कांग्रेस 2014 में एक राज्य स्तर की पार्टी बन गई। पार्टी 2011 में पश्चिम बंगाल में सत्ता में आई और बाद में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा तक अपना प्रसार बहुत ही तेजी से किया।

तृणमूल कांग्रेस भी तीन पार्टियों में शामिल है जिनसे चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया है। प्रतिष्ठित दर्जा खोने वाले अन्य दो दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) हैं। वर्तमान में छह राष्ट्रीय दल भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), सीपीआई (एम), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और आप है। चुनाव आयोग के आदेश में उल्लेख किया गया है कि पार्टियां भविष्य के चुनावी चक्रों साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन के आधार पर अपनी राष्ट्रीय और राज्य की पार्टी का दर्जा हासिल कर सकती हैं।

इसे भी पढ़ें: Bengal Violence पर बोलीं ममता, बीजेपी वाले कभी भी दंगा करा सकते हैं, मुझे हर वक़्त अलर्ट रहना होता है

दर्जा छिनने के क्या मायने हैं?

ईवीएम या बैलेट पेपर में पहले कुछ नामों के बीच पार्टी का चुनाव चिह्न अब दिखाई नहीं देगा क्योंकि राष्ट्रीय पार्टी के नाम पहले दिखाई देते हैं। 

अब टीएमसी 'अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस' का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी।

जब भी चुनाव आयोग सर्वदलीय बैठक बुलाएगा, टीएमसी को बैठकों के लिए कॉल नहीं मिलेगी।

राष्ट्रीय दर्जा वापस लेने से राजनीतिक फंडिंग भी प्रभावित होगी।

राष्ट्रीय दर्जा के साथ टीएमसी की कोशिश

तृणमूल कांग्रेस का गठन ममता बनर्जी ने 1998 में कांग्रेस से अलग होने के बाद किया था। तृणमूल कांग्रेस 2014 में एक राज्य स्तर की पार्टी बन गई। पार्टी 2011 में पश्चिम बंगाल में सत्ता में आई और बाद में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा तक अपना प्रसार बहुत ही तेजी से किया। 2016 में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला। हालांकि, पिछले साल के गोवा चुनावों और हाल ही में पूर्वोत्तर राज्यों में हुए कुछ विधानसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय दर्जा रद्द कर दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस पोल पैनल के फैसले को चुनौती देने के लिए उपलब्ध कानूनी विकल्पों की तलाश कर रही है। टीएमसी सूत्रों ने कहा, 'पार्टी चुनाव आयोग के इस फैसले को चुनौती देने के लिए कानूनी विकल्प तलाश रही है। 

All the updates here:

अन्य न्यूज़