बच्चों की भिक्षावृत्ति रोकने के लिए योजना लाएंगे: मेनका

[email protected] । Mar 17 2017 4:56PM

महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि बच्चों द्वारा भीख मांगने के चलन के प्रति सरकार ने कतई बर्दाश्त नहीं करने का रवैया अपनाया है।

महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि बच्चों द्वारा भीख मांगने के चलन के प्रति सरकार ने कतई बर्दाश्त नहीं करने का रवैया अपनाया है और इस संबंध में अगले महीने एक योजना सामने आ सकती है। उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार बाल तस्करी के मामलों में भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई करती है। मेनका गांधी ने कहा कि सरकार एक योजना बनाने की दिशा में काम कर रही है और अगले महीने के पहले सप्ताह में इस संबंध में यहां राज्य सरकार, पुलिस, इस क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ और उनके मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक बुलाई गयी है।

मेनका ने कहा कि इस बैठक में योजना बनाने पर काम किया जाएगा। बच्चों के भीख मांगने के चलन के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने वाली नीति अपनाई जाएगी। उन्होंने आजादी के बाद से देश में खासतौर पर पश्चिम बंगाल के नर्सिंग होम्स से बच्चों की तस्करी विदेशों में किये जाने के मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि उनका मंत्रालय ऐसे मामलों में करीब से नजर रखता है और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाती है। मंत्री ने कहा कि उनके इस मंत्रालय का प्रभार संभालने से पहले देश में अनाथालयों की संख्या भी नहीं पता थी लेकिन अब सारी जानकारी एकत्रित की जा रही है और पूरी नजर रखी जा रही है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल के खिलाफ उनके मंत्रालय की पहल पर कार्रवाई की गयी जिसमें कथित बाल तस्करी की घटना सामने आई थी। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में बच्चों की तस्करी की जाती है और यह राज्य बाल तस्करी का गढ़ बन गया है जिस पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने विरोध दर्ज कराया। मेनका ने कहा कि सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स आथोरिटी (कारा) गोद लिये जाने वाले प्रत्येक बच्चे पर नजर रखता है ताकि किसी भी मामले में उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हो। कारा सबसे सख्त संस्थानों में से है।

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