Prajatantra: कांग्रेस लाएगी अमेरिका वाली पॉलिसी? सैम पित्रोदा के बयान पर क्यों मचा सियासी संग्राम

Sam Pitroda
ANI
अंकित सिंह । Apr 24 2024 3:09PM

प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के तमाम नेता सैम पित्रोदा के बयान को लेकर हमलावर हो गए हैं। भाजपा नेताओं का दावा है कि कांग्रेस की घोषणा पत्र में जो लिखा हुआ है उसी की तरफ सैम पित्रोदा ने इशारा किया है। सैम पित्रोदा को राहुल गांधी का सलाहकार भी माना जाता है। साथ ही साथ वह गांधी परिवार के बेहद करीबी भी हैं।

देश में लोकसभा चुनाव को लेकर वार-पलटवार का दौर जबरदस्त तरीके से जारी है। कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर विवाद भी छिड़ा हुआ है जिसको बार-बार भाजपा उठाने की कोशिश कर रही है। इन सबके बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का बयान सुर्खियों में आ गया है। सैम पित्रोदा का बयान चुनावी सरगर्मियों में कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ा करता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस बार-बार सफाई देने की कोशिश जरूर कर रही है। लेकिन कहीं ना कहीं वह काम आता दिखाई नहीं दे रहा है। प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के तमाम नेता सैम पित्रोदा के बयान को लेकर हमलावर हो गए हैं। भाजपा नेताओं का दावा है कि कांग्रेस की घोषणा पत्र में जो लिखा हुआ है उसी की तरफ सैम पित्रोदा ने इशारा किया है। सैम पित्रोदा को राहुल गांधी का सलाहकार भी माना जाता है। साथ ही साथ वह गांधी परिवार के बेहद करीबी भी हैं। ऐसे में उनके बयान पर बवाल होना ही था। 

 

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सैम पित्रोदा ने क्या कहा?

सैम पित्रोदा ने अमेरिका के ‘विरासत कर’ वाली व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा है, ‘‘अमेरिका में विरासत कर लगता है। अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है और जब उसकी मृत्यु हो जाती है तो इसमें से केवल 45 फीसदी उसके बच्चों को मिल सकता है। शेष 55 प्रतिशत संपत्ति सरकार के पास चली जाती है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘ भारत में ऐसा कानून नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता...लोगों को इस तरह के मुद्दों पर चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि अंत में निष्कर्ष क्या होगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं, न कि केवल अति-अमीरों के हित में हैं।

भाजपा ने बनाया मुद्दा

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया। छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक सार्वजनिक बैठक में बोलते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस का कहना है कि वो विरासत कर लगाएगी, माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी। आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी। कांग्रेस का पंजा वो भी आपसे लूट लेगा। कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट... जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज सैम पित्रोदा के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी पूरी तरह बेनकाब हो गई है। इस बयान ने कांग्रेस का मकसद स्पष्ट कर दिया है कि वे देश की जनता की संपत्ति का सर्वे कर उनकी निजी संपत्ति को सरकारी खजाने में डालकर UPA के शासनकाल में उन्होंने जो प्राथमिकता तय की थी कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों और उसमें भी मुसलमानों का है, उनमें बांटना चाहते हैं। मैं मानता हूं कांग्रेस पार्टी या तो अपने घोषणापत्र से इस बात को हटाए या स्वीकारे कि यही उनका मकसद है। भाजपा के तमाम नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेरा है। 

कांग्रेस की सफाई

कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि उनकी बातों को सनसनीखेज बनाकर पेश किया जा रहा है ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘दुर्भावनापूर्ण और नफरत से भरे’ चुनाव अभियान से ध्यान भटकाया जा सके। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा पित्रोदा जी उन मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखते हैं जिनके बारे में वह बोलना ज़रूरी समझते हैं। लोकतंत्र में एक व्यक्ति अपनी बात रखने, चर्चा करने और व्यक्तिगत विचारों को लेकर बहस करने के लिए निश्चित रूप से स्वतंत्र भी होता है।’’ रमेश के मुताबिक, इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा जी के विचार हमेशा कांग्रेस के रुख को दर्शाते हैं। कई बार वे ऐसा नहीं करते। अब उनकी टिप्पणियों को सनसनीखेज बनाना और उन्हें संदर्भ से बाहर करना नरेंद्र मोदी के दुर्भावनापूर्ण और शरारती चुनाव अभियान से ध्यान हटाने का हताश प्रयास है; वह केवल झूठ पर आधारित है। सैम पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संविधान है, हमारी कोई मंशा नहीं। आप उनके विचार हमारे मुँह में क्यों डाल रहे हैं? सिर्फ वोट के लिए वह ये सब खेल खेल रहे हैं। 

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किसको फायदा किसको नुकसान

सैम पित्रोदा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में चुनावी माहौल जबरदस्ती तरीके से गर्म है। राजनीतिक दल अपने अपने स्तर से लोगों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा ने इस बार कांग्रेस मेनिफेस्टो को बड़ा मुद्दा बना दिया है। भाजपा बार-बार कह रही है कि कांग्रेस आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए लोगों की कमाई को हड़पना चाहती है और उसे ज्यादा बच्चों वालों में बांटना चाहती है। इन सबके बीच सैम पित्रोदा का यह बयान भाजपा को चुनावी मौसम में कांग्रेस मेनिफेस्टो की कमियों को भुनाने का बड़ा मौका दे दिया है। अगर भाजपा इसको सही से भुनाने में कामयाब होती है तो कहीं ना कहीं पार्टी को फायदा द सकता है। दूसरी और कांग्रेस लगातार डैमेज कंट्रोल की कोशिश में है। कांग्रेस इस मामले को ज्यादा तूल देने की कोशिश में नहीं है। उसे लग रहा है कि जितनी इस मामले की चर्चा होगी, उतना ही उसे नुकसान हो सकता है। 

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