पुलिसकर्मियों पर ‘हमले’ के मामले में YS Sharmila को मिली जमानत

YS Sharmila
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शर्मिला आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। शर्मिला को सोमवार को गिरफ्तारी के बाद एक अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें आठ मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया और उन्हें यहां जेल में रखा गया था।

एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला को जमानत दे दी। एक दिन पहले शहर में उनके आवास के बाहर पुलिसकर्मियों से कथित तौर पर मारपीट करने के आरोप में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। शर्मिला आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। शर्मिला को सोमवार को गिरफ्तारी के बाद एक अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें आठ मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया और उन्हें यहां जेल में रखा गया था।

शर्मिला ने एक जमानत याचिका भी दायर की थी जिसे अदालत ने पुलिस को नोटिस जारी करने के बाद मंगलवार को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया था। दलीलों और प्रतिवादों को सुनने के बाद, अदालत ने उन्हें मंगलवार को 30,000 रुपये के जमानती बॉन्ड और दो मुचलकों पर सशर्त जमानत दे दी। उन्हें पुलिस को बताए बिना स्थान नहीं छोड़ने और जांच में पुलिस का सहयोग करने को कहा गया है। अदालत ने उन्हें यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह के अपराध की पुनरावृत्ति न हो। बाद में शर्मिला को जेल से रिहा कर दिया गया।

पुलिसकर्मियों की शिकायत के आधार पर शर्मिला के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है, जिसमें उन पर एक उपनिरीक्षक के साथ मारपीट करने, एक पुलिस कांस्टेबल पर अपना वाहन चढ़ाने और उसके पैर को घायल करने तथा पुलिस अधिकारियों को गाली देने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने कहा कि शर्मिला एवं उनके चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना), 332 (जान-बूझकर सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने के लिए चोट पहुंचाना), 324 (जान-बूझकर चोट पहुंचाना) और 509 (महिला की मर्यादा के हनन के लिए शब्द, इशारा या कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने कहा कि टीवी फुटेज में शर्मिला उन पुलिसकर्मियों से ‘‘बदसलूकी’’ करती हुई नजर आ रही हैं, जो उन्हें बिना अनुमति के ‘‘प्रदर्शन’’ करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि शर्मिला एसआईटी कार्यालय में प्रदर्शन करने की योजना बना रही हैं। चूंकि इसकी अनुमति नहीं थी, पुलिसकर्मियों ने उन्हें उनके घर के पास रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और महिला पुलिसकर्मियों सहित वहां मौजूद लोगों को भी धक्का दिया। अपने कृत्य का बचाव करते हुए शर्मिला ने एक बयान में कहा था, “आत्मरक्षा में कार्रवाई करना मेरी जिम्मेदारी है” और आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ “अशिष्ट व्यवहार” किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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