पिस्टल शूटर ने बिन बताए छोड़ दिया था कैंप, अब पिता के संग आकर माफी मांगने पर मिली ओलंपिक ट्रायल में जगह

 bhavesh shekhawat
प्रतिरूप फोटो
Social Media

भावेश शेखावत ने 29 दिसंबर (2023) को शिविर छोड़ दिया था। इसके बाद चार जनवरी तक उनसे संपर्क नहीं किया जा सका था। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) को जकार्ता में ओलंपिक क्वालीफायर के लिए उनकी जगह दूसरे निशानेबाज को टीम में शामिल करना पड़ा था।

 राष्ट्रीय महासंघ को सूचित किये बिना पिछले साल दिसंबर में एशिया ओलंपिक क्वालीफायर के तैयारी शिविर को छोड़ने वाले पिस्टल निशानेबाज को माफी मांगने के बाद पेरिस ओलंपिक के लिए होने वाले ट्रायल में शामिल कर लिया गया है। इस ट्रायल का आयोजन अप्रैल और मई में क्रमश: दिल्ली और भोपाल में होगा।

पच्चीस मीटर रैपिड-फायर स्पर्धा में चुनौती पेश करने वाले भावेश शेखावत ने 29 दिसंबर (2023) को शिविर छोड़ दिया था। इसके बाद चार जनवरी तक उनसे संपर्क नहीं किया जा सका था। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) को जकार्ता में ओलंपिक क्वालीफायर के लिए उनकी जगह दूसरे निशानेबाज को टीम में शामिल करना पड़ा था। एनआरएआई के सचिव राजीव भाटिया ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राजस्थान के निशानेबाज ने अनुशासनहीनता के लिए ‘माफी मांगी’ है, जिससे उनके लिए ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करने और पेरिस ओलंपिक के लिए दावा पेश करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।’’

भाटिया ने कहा, ‘‘हां, वह हमारे पास आया था। वह अपने पिता के साथ आया था और उसने माफी मांगी। हमने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया। यह एक निजी मामला था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह एक अच्छा निशानेबाज है और उनकी निजी जिंदगी में जो कुछ भी हो रहा है, उससे हमें मतलब नहीं है। उनके पिता ने भी संबंधित दस्तावेज पेश किए और मामला सुलझ गया।’’

उन्होंने कहा कि इस हरकत के लिए इस निशानेबाज को महासंघ ने पहले ही सजा दे दी है। भाटिया ने कहा, ‘‘ हमने उसे चेतावनी दी है। हमने उसे जकार्ता प्रतियोगिता के बाद एक अन्य प्रतियोगिता में विदेश जाने की अनुमति नहीं दी थी। अब हम इससे बड़ी सजा क्या दे सकते है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़