मशहूर अभिनेत्री और बेहतरीन थियेटर कलाकार थीं शौकत आजमी

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शौकत आजमी और उनके पति की पहली मुलाकात बहुत दिलचस्प थी। शौकत कैफी आजमी से पहले बार एक मुशायरे में मिली थीं। मुशायरे में कैफी एक शेर पढ़ रहे थे। उस शेर से शौकत आजमी बहुत प्रभावित हुईं और उन्होंने उसी समय कैफी आजमी से शादी का मन बना लिया।

शौकत आपा के नाम से मशहूर शौकत आजमी को फिल्मों में बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है। अभी हाल ही में शौकत आजमी का निधन हो गया है, तो आइए हम आपको उनके जीवन के विविध पहलुओं के बारे में बताते हैं। 

जाने शौकत कैफी के बारे में

मशहूर अभिनेत्री और थियेटर कलाकार शौकत कैफी को लोग शौकत आपा के नाम से भी जानते हैं। शौकत ने बालीवुड में कई फिल्मों में यादगार भूमिकाएं की थीं। उन्होंने मुज्जफर अली की फिल्म 'उमराव जान', एमएस साथ्यु की 'गरम हवा' और सागर साथाडी की फिल्म 'बाजार' में उनके अभिनय के लिए याद किया जाता है। शौकत ने अपने कैरियर में आखिरी बार 2002 फिल्म साथिया में बुआ का रोल निभाया था । शौकत ने अपने पिता कैफी आजमी के साथ मिलकर इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (इप्टा), प्रोग्रसिव एसोसिएशन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की कल्चरल विंग के लिए लम्बे अरसे तक काम किया था।

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शौकत कैफी का बचपन

शौकत कैफ़ी का जन्म हैदराबाद राज्य में एक शिया परिवार में हुआ था। उनका पालन-पोषण भारत के औरंगाबाद शहर में हुआ था। उनकी शादी कैफी आजमी के साथ बहुत कम उम्र में हो गयी थी। शौकत आजमी के दो बच्चे थे एक बाबा आजमी जो मशहूर कैमरामैन थे और दूसरी शबाना आजामी जो मशहूर अभिनेत्री हैं। बाबा आजमी की पत्नी तन्वी आजमी हैं जो ऊषा किरण की बेटी हैं। मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी ने प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर से शादी की थी।

शौकत आजमी और उनके पति शादी के बाद रोजगार की तलाश में मुम्बई चले आए। वहां उन्होंने अपने जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव देखे। उनमें सबसे बड़ी मुश्किल थी आर्थिक तंगी। शबाना आजमी उन दिनों को याद करते हुए कहती हैं कि उनके मां-पिता की आय का अधिकांश हिस्सा उनके और भाई की स्कूल के फीस में चला जाता था। उसके बाद 1950 के दशक के दौरान कैफ़ी ने एक लेखक और गीतकार के रूप में मुंबई फिल्म उद्योग में काम करना प्रारम्भ किया। उनके सफल होने के बाद शौकत के परिवार को मुश्किलों से छुटकारा मिला। कुछ दिनों बाद उन्होंने  मुम्बई के जुहू में एक अर्पाटमेंट ले लिया और शौकत को भी फिल्मों में काम के अवसर मिलने लगे।

शौकत आजमी ने उस दौरान लगभग एक दर्जन फ़िल्मों में काम किया उनमें गरम हव्वा और उमराव जान प्रमुख हैं। इसके बाद उन्होंने थिएटर में लगभग एक दर्जन नाटकों में काम किया। अपने कैरियर के दौरान उन्होंने एक मां और पत्नी की भूमिका को भी बखूबी निभाया। 


कैफी आजमी की शायरी से प्रभावित थीं शौकत

शौकत आजमी और उनके पति की पहली मुलाकात बहुत दिलचस्प थी। शौकत कैफी आजमी से पहले बार एक मुशायरे में मिली थीं। मुशायरे में कैफी एक शेर पढ़ रहे थे। उस शेर से शौकत आजमी बहुत प्रभावित हुईं और उन्होंने उसी समय कैफी आजमी से शादी का मन बना लिया। उस समय शौकत आजमी की सगाई हो चुकी थी लेकिन उन्होंने अपने घर वालों के खिलाफ जाकर सगाई तोड़ी और कैफी आजमी से विवाह किया। 

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कैफी आजमी की मौत के बाद बदल गयीं शौकत आजमी 

कैफी आजमी की मृत्यु 2002 में हुई थी। इसका उनकी पत्नी शौकत आजमी पर बुरा प्रभाव पड़ा। शौकत उसके बाद अपने ससुराल यानि कैफी के गांव कभी नहीं गयीं। यही नहीं उन्होंने फिल्मों में भी काम करना बंद कर दिया। आखिरी बार उन्हें 2002 में फिल्म में देखा गया था। 2002 में कैफ़ी आज़मी के निधन के बाद, शौकत आज़मी ने कैफ़ी और मैं नाम से एक आत्मकथा लिखी जिसे नाटक में रूपांतरित किया गया। 

प्रज्ञा पाण्डेय

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