Dr. Verghese Kurien Birth Anniversary: भारत में श्वेत क्रांति के जनक थे डॉ वर्गीज कुरियन, एक पहल से बदली देश की तस्वीर

Verghese Kurien
Prabhasakshi

आज के दिन यानी की 26 नवंबर को देश में श्वेत क्रांति के जनक कहे जाने वाले डॉ. वर्गीज कुरियन की बर्थ एनिवर्सरी है। इस दिन को नेशनल मिल्क डे के रूप में मनाया जाता है। श्वेत क्रांति का नेतृत्व किए जाने का श्रेय डॉ. वर्गीज कुरियन को दिया जाता है।

आज के दिन यानी की 26 नवंबर को देश में श्वेत क्रांति के जनक कहे जाने वाले डॉ. वर्गीज कुरियन की बर्थ एनिवर्सरी है। इस दिन को नेशनल मिल्क डे के रूप में मनाया जाता है। श्वेत क्रांति का नेतृत्व किए जाने का श्रेय डॉ. वर्गीज कुरियन को दिया जाता है। भारत में दूध उत्पादन को रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ाने में वर्गीज कुरियन ने बहुत अहम भूमिका निभाई थी। देश के सबसे बड़े आत्मनिर्भर उद्योग में डेयरी उद्योग को लाने के लिए 'ऑपरेशन फ्लड' को लीड भी डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने किया था। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर डॉ. वर्गीज कुरियन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म 

केरल के कोझिकोड़ में साल 1921 में डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्म हुआ था। वह एक अमीर सीरियाई ईसाई परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा पूरी कर चेन्नई के लोयला कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली थी। फिर वर्गीज कुरियन ने चेन्नई के जीसी इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने इंजीनियरिंग का डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड में डेयरी का काम संभालने लगे। 

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इस डेयरी की स्थापना लौह पुरुष वल्लभ भाई पटेल ने की थी। वहीं डॉ. कुरियन द्वारा इस पद को संभाले जाने के बाद डेयरी तेजी से आगे बढ़ने लगी। वहीं दूध की बढ़ती डिमांड को देखते हुए दूध का एक प्लांट लगाया गया। बाद में फिर उन्होंने इस डेयरी का नाम अमूल रख दिया। एक समय बाद यह ब्रांड देश के घर-घर में जाना जाने लगा। डॉ कुरियन एक फेमस भारतीय सामाजिक उद्यमी थे। वह 'फादर ऑफ द वाइट रिवोल्युशन' के नाम से भी जाने जाते थे। 'बिलियन लीटर आइडिया' में उन्होंने खूब नाम कमाया था। इसी वजह से साल 1998 में अमेरिका को पछाड़ते हुए भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादन करने वाला देश बन गया।

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस

बता दें कि साल 2014 से भारतीय डेयरी संघ (आईडीए) द्वारा की गई पहल के बाद 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाए जाने की शुरूआत हुई। वहीं साल 2021-22 में देश के आर्थिक सर्वेक्षण में भारत दुग्ध उत्पादन में पहले पायदान पर है। वैश्विक दूध उत्पादन में करीब 20 फीसदी योगदान है। चार्ज की गई कीमतों को तय करने के लिए डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने दिल्ली दुग्ध योजना को व्यवस्थित करने में मदद की थी। डॉ. कुरियन ने डेयरी उत्पादन के औद्योगीकरण और अमूल ब्रांड की स्थापना की थी। डॉ कुरियन को करीब 30 संस्थाओं की स्थापना का श्रेय जाता है। जिसमें AMUL, GCMMF, IRMA, NDDB जैसे संस्था आदि शामिल हैं। 

देश की सबसे बड़ी उपलब्धि

उस दौरान अमूल देश की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। यह प्रमुख दुग्ध उत्पादक राष्ट्रों में गाय के बजाय भैंस के दूध का पाउडर उपलब्ध करवाया था। जिसके बाद साल 1965 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने डॉ. कुरियन को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का संस्थापक अध्यक्ष बनाया था। वहीं डॉक्टर वर्गीज कुरियन को उनके कामों और प्रयासों के लिए पद्म विभूषण से नवाजा गया। साथ ही डॉक्टर वर्गीज कुरियन को वर्ल्ड फूड प्राइज, रेमन मैगसेसे पुरस्कार, कार्नेगी-वॉटेलर वर्ल्ड पीस प्राइज से भी सम्मानित किया गया था।

मौत

साल 1973 से 2006 तक डॉ. कुरियन गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष बने रहे हैं। साल 2006 में डॉ. वर्गीज कुरियन ने गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं 09 सितंबर 2012 को 90 साल की उम्र में डॉ. वर्गीज कुरियन की का निधन हो गया था।

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