चौथे चरण में दिखी बसपा-कांग्रेस की ताकत, बिगड़ सकता है भाजपा-सपा का ‘खेला'

uttar pradesh election
अजय कुमार । Feb 25 2022 11:28AM

चौथे चरण में गांधी परिवार की भी परीक्षा हुई। रायबरेली की सदर, ऊंचाहार व हरचंदपुर विधानसभा सीटों पर भाजपा और सपा मुख्य मुकाबले में दिखी। यहां की सदर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मनीष चौहान और हरचंदपुर से सपा से कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री सुरेंद्र विक्रम सिंह उर्फ पंजाबी सिंह ने विरोधी दलों को टक्कर दी।

उत्तर प्रदेश में चार चरणों का मतदान हो चुका है। अब तीन चरणों का मतदान बाकी रह गया है। चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी को सम्पन्न हुआ था और यह चरण बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए काफी अहम दिखाई दिया। भले ही अधिकांश सीटों पर भाजपा-समाजवादी प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर होती नजर आ रही थीं,लेकिन कई सीटों पर कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशी भी पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ते दिखाई दी। इसमें लखनऊ मध्य से लेकर तमाम जिलों की सीटें शामिल हैं। बसपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के मुकाबले में दिखाई पड़ने का भाजपा या सपा में से किसको ज्यादा नुकसान होगा,इसको लेकर राजनैतिक पंडित भी दुविधा में दिखाई दे रहे हैं, लेकिन जहां त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है और मुस्लिम वोट बंटते नजर आए, वहां बीजेपी की जीत आसान हो सकती है तो कांग्रेस की मजबूती भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है।

इसे भी पढ़ें: सरयू से संगम तक: यूपी का पांचवां इम्तिहान, 12 जिलों की 61 सीटों का पूरा प्लान

सिलसिलेवार सीटों की समीक्षा की जाए तो लखनऊ में मतदान का रुझान बता रहा है कि लखनऊ पश्चिम,बख्शी का तालाब (बीकेटी), मध्य और मोहनलालगंज सीटों पर कांटे की लड़ाई है। इन सीटों पर बसपा ने ठीकठाक तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जो चौकाने वाली बात हो सकती है। लखनऊ ग्रामीण की सीटों मोहनलालगंज व मलिहाबाद में बसपा भी ठीक लड़ी। उत्तर सीट पर सपा और भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला रहा। सरोजनीनगर, कैंट व पूर्वी सीट पर भी सपा और भाजपा में मुकाबला है।

चौथे चरण में गांधी परिवार की भी परीक्षा हुई। रायबरेली की सदर, ऊंचाहार व हरचंदपुर विधानसभा सीटों पर भाजपा और सपा मुख्य मुकाबले में दिखी। यहां की सदर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मनीष चौहान और हरचंदपुर से सपा से कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री सुरेंद्र विक्रम सिंह उर्फ पंजाबी सिंह ने विरोधी दलों को टक्कर दी। ऊंचाहार में पूर्व मंत्री डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने इस बार हैट्रिक के लिए जोर लगाया, वहीं भाजपा के प्रत्याशी अमरपाल मौर्य ने भी पूरा दम लगाया। बछरावां विधानसभा सीट पर भाजपा-अपना दल गठबंधन के प्रत्याशी लक्ष्मीकांत रावत, सपा के श्याम सुंदर भारती, कांग्रेस प्रत्याशी सुशील पासी के बीच तगड़ा मुकाबला रहा। सरेनी में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिला। 

हरदोई में आश्चर्यजनक रूप से दो विधान सभा सीटों पर भाजपा का सीधा मुकाबला सपा की जगह बसपा से होता दिख रहा है। बाकी सीटों पर भाजपा-सपा में लड़ाई रही। संडीला में भाजपा व बसपा, तो बिलग्राम मल्लावां में भाजपा, बसपा व कांग्रेस लड़ाई में रहे। शाहाबाद में भाजपा व सपा प्रत्याशियों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी अखिलेश पाठक के बीच त्रिकोणीय मुकाबला दिखा। अन्य पांच सीटों सवायजपुर, हरदोई सदर, गोपामऊ, सांडी व बालामऊ में भाजपा और सपा मुख्य लड़ाई में रहे। 

सीतापुर की आठ सीटों पर भाजपा-सपा में सीधा मुकाबला दिखा, जबकि महमूदाबाद सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई है। पिछले चुनाव में सात सीटें भाजपा को मिली थीं, जबकि एक-एक सीट पर सपा-बसपा के प्रत्याशी जीते थे। उन्नाव की चार सीटों पर सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला दिखा। दो सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष के आसार हैं। मोहान, पुरवा और भगवंतनगर में सपा व भाजपा के बीच कांटे की लड़ाई नजर आई, जबकि बांगरमऊ में सपा, भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा है। सफीपुर में सपा, भाजपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।सबसे कड़ा मुकाबला सदर विधानसभा सीट पर सपा-भाजपा के बीच नजर आ रहा है।

लखीमपुर खीरी और पीलीभीत की कुल 12 सीटों में से 10 सीटों पर भाजपा-सपा के बीच कांटे की टक्कर दिखी। वहीं दो सीटों पर बसपा भी दौड़ता हुआ दिखाई दिया। लखीमपुर खीरी में आठ विधानसभा सीटों में से सात पर भाजपा और सपा के बीच मुख्य मुकाबला रहा। वहीं, सदर पर बसपा ने सपा-भाजपा को भी अच्छी टक्कर दी। पलिया, निघासन, गोला, श्रीनगर, धौरहरा, लखीमपुर, कस्ता और मोहम्मदी सीट पर किसी पार्टी के पक्ष में लहर या नाराजगी न होने के बावजूद मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह दिखाई दिया।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब गर्माया आतंकवाद का मुददा

पीलीभीत में कुल कुल चार सीटें हैं। यहां से भाजपा नेता वरूण गांधी सांसद हैं जो पिछले काफी समय से अपनी ही मोदी-योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। पीलीभीत की पूरनपुर, बरखेड़ा और पीलीभीत सदर पर भाजपा और सपा में सीधी टक्कर है। बीसलपुर में बसपा ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। 

बीसलपुर में भाजपा और सपा के बीच की लड़ाई होती दिखी जिसे बसपा प्रत्याशी ने त्रिकोणीय बनाने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ी। पूरनपुर में सिख बहुल बूथों पर साइकिल खूब चली। भाजपा से बगावत कर बसपा उम्मीदवार बने अशोक राजा भाजपा को ठीकठाक नुकसान पहुंचाने में सफल नजर आ रहे हैं। बरखेड़ा में सपा और भाजपा में सीधी टक्कर दिखी। यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार हरप्रीत सिंह चब्बा ने भी ठीकठाक तरीके से अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

फतेहपुर की चार सीटों पर भाजपा-सपा में सीधी टक्कर जबकि जहानाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा, सपा व बसपा और हुसैनगंज सीट पर भाजपा, सपा व कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होता दिखा। फतेहपुर, खागा सुरक्षित व अयाहशाह सीट पर भाजपा और सपा का सीधा आमना-सामना रहा। बांदा की बांदा, तिंदवारी व नरैनी सीटों पर भाजपा की पकड़ दिखाई दी। बबेरू में जरूर मतदाताओं का रुझान परिवर्तन की ओर जाता दिख रहा है। 

लब्बोलुआब यह है कि बसपा और कांग्रेस को राजनीति के जानकार भले ही हल्के में ले रहे थे, लेकिन मतदाताओं ने बता दिया है कि बसपा का हाथी अभी भी दौड़ लगाने में पीछे नहीं है। प्रियंका की मेहनत भी फीकी रहेगी, यह भले ही कहा जाता रहा हो, लेकिन चौथे चरण के बाद कांग्रेस की तस्वीर बदल सकती है। यहां यह भी नहीं भूलना चाहिए की भाजपा के रणनीतिकार और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि बसपा सुप्रीमों मायावती ने अपनी प्रासंगिकता नहीं खोई है। उनकी पार्टी को उत्तर प्रदेश में वोट मिलेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि जाटव वोट बसपा के साथ रहा है। एक न्यूज चैनल को दिए इंटव्यू में अमित शाह ने कहा था कि बसपा ने अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है। मुझे विश्वास है कि उन्हें वोट मिलेगा। शाह ने कहा मुझे नहीं पता कि यह कितनी सीटों में तब्दील होगा लेकिन बसपा को वोट मिलेगा। शाह ने कहा कि मायावती की जमीन पर अपनी पकड़ है। जाटव वोट बैंक मायावती के साथ जाएगा। मुस्लिम वोट भी बड़ी मात्रा में मायावती के साथ जाएगा। जब शाह से पूछा गया कि क्या इससे भाजपा को फायदा होगा तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि इससे भाजपा को फायदा होगा या नुकसान। यह उस सीट पर निर्भर करता है। लेकिन, यह सच नहीं है कि मायावती का रेलवेंस खत्म हो चुका है। दावा किया जाता है कि इस बार के चुनाव में मायावती ने अपने आप को लो प्रोफाइल रखा है। इस पर शाह ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि उनका सपोर्ट बेस खत्म हो चुका है।

- अजय कुमार

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़