योगी के राज में नारियों के सशक्त होने से समृद्ध हो रहा है उत्तर प्रदेश

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ANI
ऋचा सिंह । Oct 23 2023 5:13PM

आज नया उत्तर प्रदेश सफलता की नई कहानी कह रहा है। सरकार ने समर्थ उत्तर प्रदेश के महिला श्रम शक्ति को सशक्त बना दिया है। इनकी समृद्धि के लिए सरकार संकल्पित है। महिलाओं के उत्थान के लिए सरकार ने नवरात्रि के पावन अवसर पर मिशन शक्ति की चतुर्थ चरण का प्रारंभ किया है।

वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार मिशन शक्ति फेज 4 का प्रारंभ शक्ति वंदन कार्यक्रम के साथ कर रही है। महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत नारी सुरक्षा, नारी सम्मान व नारी स्वावलंबन के तहत महिलाओं एवं बालिकाओं को सशक्त बनाने एवं जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित कर महिलाओं, बालिकाओं से वार्ता कर उनके अंदर आत्मविश्वास को बढ़ाने का प्रयत्न किया जा रहा है। बालिकाओं, छात्राओं, महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के साथ उन्हें सजग, सतर्क एवं निर्भीकता के साथ आत्मनिर्भर बनने एवं सम्मान के साथ अपने क्षेत्र में कार्य करने हेतु प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार का मिशन शक्ति के अंतर्गत महिला स्वावलंबन के लिए उठाया गया कदम महिलाओं में ऊर्जा और उत्साह का संचार कर रहा है। पिछले 6 वर्षों में प्रदेश की महिलाओं की आत्मनिर्भरता एवं श्रम शक्ति में दोगुने से भी अधिक की वृद्धि हुई है। शहरी महिलाओं एवं बालिकाओं के साथ-साथ ग्रामीण अंचल की महिलाओं में भी उत्साह बढ़ रहा है। ग्रामीण महिलाओ में समूह के द्वारा कार्य करने की भावना पहले की अपेक्षा बढ़ी है।

लगभग 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाकर उससे एक करोड़ महिलाओं का जुड़ना एक बड़ी उपलब्धि की ओर इशारा करती है जो महिलाओं के सम्मान पूर्वक जीने एवं उनके स्वावलंबी बनने का उदाहरण है। यह इस बात को भी दर्शाता है कि आगे चलकर प्रदेश की आर्थिक समृद्धि में महिलाओं की सशक्त भागीदारी होगी। महिलाएं अपने घर एवं परिवार के सभी सदस्यों के पोषण की स्वीकृति के भाव के साथ होती हैं, ऐसी भूमिका में उन्हें परिवार एवं समाज की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। यदि समाज व परिवार का यह हिस्सा सम्मान के साथ आत्मनिर्भर हो तो निश्चित रूप से समाज ही समृद्धि की ओर कदम बढ़ाकर स्वावलंबन की ओर बढ़ता है। राज्य सरकार के दिशा निर्देश में मिशन शक्ति फेज 1 के प्रारंभ के साथ ही महिलाओं बालिकाओं की सुरक्षा, शिक्षा, सम्मान एवं आत्मनिर्भरता हेतु कई कदम उठाए गए थे जिसका यह स्वर्णिम प्रतिफल है कि महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं एवं बालिकाएं शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर रही हैं। राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार 2017-18 में श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी 14.9% थी जो अब 36.5 प्रतिशत हो गई है।

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राज्य सरकार की योजना का ही परिणाम है कि महिलाएं आज प्रदेश में नए कीर्तिमान गढ़ रही हैं। ऐसा दिखाया गया है कि बहुत सारी योजनाएं लागू की जाती हैं लेकिन वह जिनके लिए उपयोगी हैं उस स्तर तक उस व्यक्ति तक वह योजनाएं पहुंच ही नहीं पाती थीं जिनसे उन योजनाओं का लाभ से लाभार्थी व्यक्ति वंचित रह जाता था। मिशन शक्ति के अंतर्गत इन योजनाओं को ग्रामीण अंचल से लेकर के शहरी क्षेत्र में एक समान रूप से लोगों तक जन-जन तक पहुंचाया गया है। वर्तमान में मिशन शक्ति फेस 4 जो नवरात्र के प्रथम दिवस पर प्रारंभ किया गया है इसमें विद्यालय से भी रैली निकाली गई, हर संस्थाओं और विभाग से इसे जोड़ा गया। सुरक्षा, स्वावलंबन के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाली महिलाओं को पुरस्कृत किया गया है और यह एक अभियान बनाकर विद्यालय से लेकर के जिला स्तर तक के बड़े कार्यालय से जोड़ा गया है जिससे मिशन शक्ति के अंतर्गत महिलाओं को सशक्त करने हेतु किए गए प्रयास हर महिला तक, हर बालिका तक पहुंच सकें और ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इससे लाभान्वित हो सकें।

मिशन शक्ति अभियान कार्यक्रम से महिलाओं और बेटियों को स्वयं के अधिकारों को जानने के साथ उनमें एक चेतना जागृत हुई है। कन्या सुमंगला प्रोग्राम, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ प्रोग्राम, मिशन शक्ति प्रोग्राम के अंतर्गत बालिकाओं और महिलाओं को एक अवसर प्रदान किया गया जिससे वह सम्मानित और सशक्त महसूस कर सकें। ग्राम पंचायत में बीसी सखी और पीएम सम्मान निधि योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाओं को लाभान्वित किया जाना ऐसे ही अवसर थे जो महिलाओं को प्रदान किए गए। वर्तमान समय में प्रदेश की महिलाओं ने श्रम शक्ति में मिले अवसरों का उपयोग कर अपने लिए स्वर्णिम भविष्य गढ़  दिया है।

आज कला, विज्ञान, अंतरिक्ष, व्यापार, शिक्षा हर क्षेत्र में बालिकाएं आगे निकल रही हैं ऐसे में किसी अवांछनीय तत्व से बिना डरे मिशन शक्ति अभियान के द्वारा बच्चियां, महिलाएं निडर होकर घर से बाहर निकल रही हैं। मिशन शक्ति के अंतर्गत प्रदेश भर में चल रही महिला संबंधी योजनाएं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, बीसी सखी, प्रधानमंत्री वंदन योजना आदि का व्यापक प्रचार प्रचार भी किया जा रहा है। जिससे महिलाएं इन योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ उठा सकें। इन योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु कैंप लगाकर भी अभियान चलाए जा रहे हैं। महिलाओं और बालिकाओं को शासन सुरक्षा संबंधी सेवाएं जैसे विभिन्न पावर लाइन, महिला हेल्पलाइन, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, पुलिस आपातकालीन सेवा, चाइल्ड हेल्पलाइन, चिकित्सा संबंधी स्वास्थ्य सेवा, एंबुलेंस सेवा संबंधी जानकारी को जगह जगह पेंट करा कर लिखवाया जा रहा है जिससे जानकारी सभी लोगों तक पहुंच सके। सुरक्षा हेतु विभाग द्वारा गठित महिला सुरक्षा बल गांव में जन चौपाल लगाकर, बस स्टैंड, बाजार, गांव, कस्बा, स्कूल कॉलेज, सार्वजनिक एवं भीड़भाड़ वाले स्थान पर बालिकाओं महिलाओं से वार्ता कर महिला सुरक्षा संबंधी उपायों के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। शक्ति दीदी के रूप में महिलाओं से जुड़कर उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मिशन शक्ति का उद्देश्य प्रत्येक नारी और बच्चियों को सुरक्षा तथा सम्मान का अधिकार दिलाना है, उन्हें सरकार की योजनाओं से अवगत कराते हुए जागरूक करना, मानसिक रूप से सबल व सामान बनाते हुए प्रत्येक क्षेत्र में उन्हें अवसर प्रदान करना है। मिशन शक्ति ने पूर्व में तीन चरणों में अपार सफलता हासिल की तथा इसका सफल क्रियान्वयन पूरे प्रदेश में किया गया है, विभिन्न योजनाओं के माध्यम से नारी वंदन अधिनियम के तहत नारियों को सम्मान व सुरक्षा प्रदान किया गया है। आज महिलाएं सिर्फ चूल्हे चौके तक ही सीमित नहीं हैं, आज ऐसा नहीं है कि वह ग्रामीण अंचल से हैं तो उनको अवर नहीं उपलब्ध हैं। ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह की सदस्य बनकर समाज के पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर आत्मनिर्भर बनते हुए अपने परिवार को आर्थिक एवं सामाजिक सहायता प्रदान कर रही हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत फेज 4 में ऐसी छात्राएं जो विद्यालय से दूर हो रही हैं उन्हें चिन्हित करके उनके अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें पावर एंजेल के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है और सघन अभियान चलाकर छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। बाल अधिकारों के साथ-साथ उन्हें जरूरी कानून के बारे में जानकारी दी जारही एवं सजग एवं सतर्क बनने के लिए दृष्टि प्रदान की जा रही है।

आज नए भारत का नया उत्तर प्रदेश सफलता की नई कहानी कह रहा है। सरकार ने समर्थ उत्तर प्रदेश के महिला श्रम शक्ति को सशक्त बना दिया है। इनकी समृद्धि के लिए सरकार संकल्पित है। महिलाओं के उत्थान के लिए सरकार ने नवरात्रि के पावन अवसर पर मिशन शक्ति की चतुर्थ चरण का प्रारंभ किया है। नारी सुरक्षा नारी सम्मान के साथ स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ रही है। शारदीय नवरात्रि से निरंतर  अनेक कार्यक्रम अयोजित हो रहे हैं। केंद्र सरकार की महिला संबंधित योजनाओं का प्रदेश सरकार पारदर्शी ढंग से शत प्रतिशत लाभ महिलाओं को मिल रहा है। सरकार के कुशल नेतृत्व एवं मॉनिटरिंग का ही परिणाम है कि महिलाओं के श्रम बल की भागीदारी में वृद्धि हुई है। सरकार के मार्गदर्शन में महिलाओं के उत्थान पर विशेष रूप से कार्य किया गया है जिसकी सीएम ने स्वयं मॉनिटरिंग भी की है। केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत 1.90 करोड़ बेटियों को जागरूक किया गया है। मिशन शक्ति अभियान के तहत 8.99 करोड़ महिलाओं को जागरूक किया गया है। 189789 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत किए गए इनमें से 189014 केंद्र संचालित भी हैं। 10 लाख सेल्फ ग्रुप बनाकर एक करोड़ महिलाओं को जोड़ा गया 2 लाख से अधिक महिलाओं को पीएम सम्मांन निधि योजना से लाभान्वित किया गया। सभी 57000 से अधिक ग्राम पंचायत में बीसी सखी की नियुक्ति की गई। सरकारी नौकरियों में भी डेढ़ लाख से अधिक महिलाओं को यूपी में नौकरी से जोड़ा गया, साथ ही अन्य सभी योजनाओं से महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है।

मिशन शक्ति अभियान के तहत गांव में चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। चौपाल में महिलाओं, बालिकाओं को उनके अधिकार बताए जा रहे हैं साथ ही विभिन्न कानून के साथ ही सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। मिशन शक्ति फेज 4 में शक्ति दीदी अभियान के तहत चौपाल का आयोजन करके महिलाओं को सम्मानित प्रोत्साहित व सुरक्षित किया जा रहा है। सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं वृद्धा पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, मुख्यमंत्री निराश्रित महिला पेंशन योजना की जानकारी  चौपाल के माध्यम से दी जा रही है इसके साथ ही महिला संबंधी अपराधों के रोकथाम व त्वरित सहायता के लिए विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों को डायल करने के लिए उनका प्रचार प्रसार किया जा रहा है और जगह जगह पर इसे लिखवाया जा रहा है। बालिकाएं शिक्षा से वंचित न हो इसके लिए बाल श्रम ,बाल विवाह आदि के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।

-ऋचा सिंह

लेखिका– बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश में शिक्षिका हैं।

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