विज्ञान में कॅरियर की सीढ़ी ‘किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना’

Kishore Scientific Promotion Scheme

केवीपीवाई फेलोशिप कार्यक्रम के तहत पाँच हजार रुपये और सात हजार रुपये प्रतिमाह की दो अलग-अलग फेलोशिप प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा, छात्रों को वार्षिक आकस्मिक अनुदान भी दिया जाता है। इस फेलोशिप के लिए आवेदन प्रक्रिया और योजना के बारे में अधिक जानकारी केवीपीवाई की वेबसाइट पर मिल सकती है।

विज्ञान से संबंधित विषयों के बढ़ते महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में कॅरियर की संभावनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। हालांकि, देश के प्रतिष्ठित विज्ञान शोध संस्थानों में प्रवेश की राह आसान नहीं है। युवाओं की इस मुश्किल को आसान करने और उन्हें वैज्ञानिक बनने के लिए मजबूत आधार उपलब्ध कराने के लिए ‘किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना’ (केवीपीवाई) फेलोशिप की शुरुआत की गई है। पिछले दो दशकों के दौरान केवीपीवाई ने छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2020 के लिए छात्रों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। विज्ञान विषयों में ग्यारहवीं, बारहवीं और स्नातक कर रहे छात्र, जो वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के इच्छुक हैं, आगामी 05 अक्तूबर तक इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।

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केवीपीवाई फेलोशिप कार्यक्रम के तहत पाँच हजार रुपये और सात हजार रुपये प्रतिमाह की दो अलग-अलग फेलोशिप प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा, छात्रों को वार्षिक आकस्मिक अनुदान भी दिया जाता है। इस फेलोशिप के लिए आवेदन प्रक्रिया और योजना के बारे में अधिक जानकारी केवीपीवाई की वेबसाइट पर मिल सकती है। 

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने इस योजना के बारे में अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि “किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना मूलभूत विज्ञान के छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए है, ताकि वे वैज्ञानिक शोध को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित हो सकें।”

केवीपीवाई मूलभूत विज्ञान के क्षेत्र में फेलोशिप प्रदान करने के लिए शुरू किया गया एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसकी शुरुआत वर्ष 1999 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश में अनुसंधान एवं विकास कार्यों के लिए उत्कृष्ट वैज्ञानिक प्रतिभा का विकास सुनिश्चित करना है।

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छात्रों की वैज्ञानिक अभिरुचि परखने हेतु केवीपीवाई के ऑनलाइन एप्टीट्यूड टेस्ट का आयोजन 31 जनवरी 2021 को देश के चुनिंदा शहरों में किया जाएगा। इस कम्प्यूटर आधारित एप्टिट्यूट टेस्ट को हिंदी में भी दिया जा सकता है। केवीपीवाई-2020 की आधिकारिक वेबसाइट पर योजना से संबंधित नोटिफिकेशन हाल में जारी किया गया है। नोटिफिकेशन के अनुसार केवीपीवाई फेलोशिप की चयन प्रक्रिया में कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के चलते आवश्यक बदलाव किये गए हैं।

इस योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों के चयन के लिए उच्च-स्तरीय प्रवेश परीक्षा आमतौर पर दो-चरणों में आयोजित की जाती थी। प्रथम चरण एक ऑनलाइन एप्टिट्यूड टेस्ट होता था। प्रथम चरण में सफल छात्रों को द्वितीय चरण में साक्षात्कार से गुजरना पड़ता था। पर, वर्ष 2020 के अद्यतन नोटिफिकेशन के अनुसार इस बार फेलोशिप के लिए छात्रों का चयन एप्टिट्यूड टेस्ट के अंकों के आधार पर ही कर लिया जाएगा। यानी, इस बार चयन में साक्षात्कार की भूमिका समाप्त कर दी गई है। 

केवीपीवाई फेलोशिप की एस-ए एवं एस-एक्स स्ट्रीम के अंतर्गत एप्टिट्यूड टेस्ट-2020 में भाग लेने के लिए छात्रों के दसवीं में विज्ञान एवं गणित विषयों में 75% अंक होना आवश्यक है। अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए पात्रता में 10 प्रतिशत अंकों की छूट दी गई है। इन वर्गों के लिए पात्रता 65 प्रतिशत अंकों की रखी गई है।

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वे विद्यार्थी जो दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत अध्ययन कर रहे हैं, अथवा करने के इच्छुक हैं, इसके लिए पात्र नहीं हैं। जबकि, शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 के दौरान बीएससी, बीएस, बी.स्टेट, बी.मैथ्स, इंटिग्रेटिड एमएससी/एमएस के प्रथम वर्ष में नामांकित छात्र, जिन्हें बारहवीं कक्षा की परीक्षा में न्यूनतम 60% (अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 50%) अंक प्राप्त हुए हैं, वे केवीपीवाई के एसबी वर्ग के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं। 

एप्टिट्यूड टेस्ट के लिए पात्र छात्र केवीपीवाई की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन फीस 1250 रुपये तथा अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों लिए ऑनलाइन आवेदन फीस 650 रुपये रखी गई है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित छात्रों को पूर्व-पीएचडी स्तर तक छात्रवृति एवं आकस्मिक अनुदान प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, केवीपीवाई अध्येताओं के लिए देश के प्रतिष्ठित शोध एवं शैक्षणिक संस्थानों में शिविरों का आयोजन किया जाता है। अध्येताओं को इस कार्यक्रम के तहत देश की प्रतिष्ठित वैज्ञानिक शोध प्रयोगशालाओं में जाने का अवसर भी मिलता है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से इस कार्यक्रम के आयोजन एवं कार्यान्वयन की जिम्मेदारी बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान को प्रदान की गई है। इस योजना के कार्यान्वयन की देखरेख के लिए एक प्रबंधन समिति एवं एक राष्ट्रीय सलाहकार समिति का गठन किया गया है। जबकि, केवीपीवाई कार्यक्रम के दैनिक एवं शैक्षणिक पहलुओं को एक अन्य समिति संचालित करती है। 

(इंडिया साइंस वायर)

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