भोपाल में स्कूली छात्रों ने रचा इतिहास, एग्रीबॉट बनाकर तोड़ा विश्व रिकॉर्ड

Agribot Assembling
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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन के प्रतिनिधि ऋषिनाथ ने कहा कि इवेंट एक बेंचमार्क है। इससे पहले 11 अगस्त 2019 को हांगकांग के रोबोट इंस्टीट्यूट के बच्चों ने एक साथ रोबोट वॉक कराया था। इस रिकॉर्ड को भोपाल में तोड़कर एक नया रिकॉर्ड भारत के खाते में आया है।

भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में चल रहे भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ)-2022 के तीसरे दिन स्कूली छात्रों ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों के 1600 स्कूली विद्यार्थियों ने रोबोटिक तकनीक पर काम करते हुए कृषि कार्यों के लिए एक साथ और एक ही स्थान पर 1484 रोबोट बनाकर नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। इस रोबोट को एग्रीबॉट नाम दिया गया है। उभरते वैज्ञानिकों की मेहनत रंग लायी और कार्यक्रम में उपस्थित गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि ऋषिनाथ ने विश्व कीर्तिमान की घोषणा की।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन के प्रतिनिधि ऋषिनाथ ने कहा कि इवेंट एक बेंचमार्क है। इससे पहले 11 अगस्त 2019 को हांगकांग के रोबोट इंस्टीट्यूट के बच्चों ने एक साथ रोबोट वॉक कराया था। इस रिकॉर्ड को भोपाल में तोड़कर एक नया रिकॉर्ड भारत के खाते में आया है। इस गतिविधि में 1484 स्कूली बच्चों ने एक साथ एग्रीबॉट तैयार करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। 

मध्यप्रदेश के विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने इस उपलब्धि पर बच्चों की मेहनत को खूब सराहा है। युवा वैज्ञानिकों के एग्रीबॉट देखकर उन्होंने कहा कि आज भोपाल की धरती पर एक विश्व कीर्तिमान बना है। मुझे बेहद खुशी है कि हमने आज चीन और हांगकांग को पीछे छोड़ दिया है। आप लोग ऐसे ही मेहनत करते रहिए आने वाले 4 साल में आप चीन के सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगे।

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मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि “हम ऐसे खिलौनों का निर्माण करें, जो बच्चों के लिए हानिकारक न हों। बाजार में मिलने वाले ज्यादातर खिलौने चाइनीज हैं, जिनमें खतरनाक केमिकल और डाई का इस्तेमाल होता है। कई बार हमारे बच्चे खेल-खेल में इन्हें अपने मुँह में रख लेते हैं, जिससे स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार के खतरे पैदा हो जाते हैं।” उन्होंने कहा कि एग्रीबॉट जैसे कार्डबोर्ड से और भी ऐसे खिलौने बनाये जाने चाहिए, जिनसे हमारे बच्चे खेल-खेल में कुछ सार्थक चीजें सीखते जाएं।

इस वर्ल्ड रिकॉर्ड की खास बात यह है कि इस एग्रीबॉट के निर्माण में जो भी चीजें लगी हैं, वो सभी ‘मेड इन इंडिया’ हैं। एग्रीबॉट के निर्माण में कोई भी पार्ट चीन या दूसरे देशों का नहीं है। इस गतिविधि में शामिल स्कूली बच्चों को एक किट प्रदान की गई। इस किट में दो व्हील, एक मोटर, एक बैटरी, तीन सीड बॉक्स, वॉटर टैंक, कार्ड बोर्ड शामिल थे। एग्रीबॉट को असेंबल करने के लिए प्रतिभागियों को एक घंटे का समय दिया गया। इससे पहले एग्रीबॉट से संबंधित सात मिनट का वीडियो बच्चों को दिखाया गया था। इस एग्रीबॉट से खेती के काम जैसे- बुआई, सिंचाई, कटाई और बखरनी की जा सकती है।

वर्ल्ड रिकॉर्ड गतिविधि की सह-समन्वयक डॉ मयूरी दत्त ने कहा कि “मैं पाँच साल से विज्ञान आधारित परियोजनाओं को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए कार्यक्रम कर रही हूँ। लेकिन, विज्ञान महोत्सव में बना एग्रीबॉट तैयार करने का यह कीर्तिमान अपने आप में बेहद खास है। इस इवेंट में 1600 प्रतिभागी शामिल हुए। इनमें भोपाल और मध्य प्रदेश के कई स्कूलों के विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। लगभग 250 प्रतिभागी ऐसे भी हैं, जो अन्य राज्यों से स्वप्रेरणा से यहाँ पहुँचे थे।” 

(इंडिया साइंस वायर)

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