Chai Par Sameeksha: BJP President पद के लिए सबसे आगे चल रहे नाम पर क्या लग पायेगी Modi की मुहर?

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अंकित सिंह । Mar 10 2025 6:11PM

शिवराज सिंह चौहान को लेकर प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि वह संघ के करीबी है। पार्टी संगठन और सरकार चलाने का उन्हें लंबा अनुभव भी है। उम्र भी उनके साथ है। लेकिन मोदी और अमित शाह पार्टी अध्यक्ष पद पर काबिज करने में कितने उत्सुक है, उस पर सवाल बना रहेगा।

प्रभासाक्षी के साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह हमने भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे नाम और राहुल गांधी के गुजरात दौरे के दौरान दिए गए बयान पर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे। भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर नीरज कुमार दुबे ने साफ तौर पर कहा कि इस बार जो अध्यक्ष बनेगा, उसी के नेतृत्व में पार्टी 2029 का लोकसभा चुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद के लिए कई पैमाने बने गए हैं। जो संगठन में सबसे ज्यादा पकड़ और अच्छा वक्ता होगा, उसके लिए संभावनाएं ज्यादा है। हालांकि आज के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह किसके नाम पर मुहर लगाते है, यह कहना भी मुश्किल है। 

इस दौरान हमने कुछ नामों पर चर्चा भी की। भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान, जी किशन रेड्डी, मनोहर लाल खट्टर के अध्यक्ष बनने की संभावनाओं पर हमने नीरज कुमार दुबे से सवाल पूछा। नीरज दुबे ने कहा कि सभी में काबिलियत है। मनोहर लाल खट्टर जहां अनुभवी और संगठन के व्यक्ति हैं, वहीं उम्र के लिहाज से वह थोड़े पीछे हो सकते हैं। भूपेंद्र यादव पार्टी के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनके अध्यक्ष बनने के बाद इस भूमिका में कौन होगा, इस पर बड़ा सवाल हो सकता है। ऐसे में भूपेंद्र यादव के लिए भी संभावनाएं कम है। हालांकि उनके नाम को नकारा नहीं जा सकता है। धर्मेंद्र प्रधान को लेकर नीरज कुमार दुबे ने कहा कि वह जन नेता नहीं है। हालांकि अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंद जरूर है। इसके अलावा हिंदी भाषी राज्यों में उनकी पकड़ मजबूत नहीं है। ऐसे में जनता को कितना साथ पाएंगे इस पर सवाल बना रहेगा।

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शिवराज सिंह चौहान को लेकर नीरज कुमार दुबे ने कहा कि वह संघ के करीबी है। पार्टी संगठन और सरकार चलाने का उन्हें लंबा अनुभव भी है। उम्र भी उनके साथ है। लेकिन मोदी और अमित शाह पार्टी अध्यक्ष पद पर काबिज करने में कितने उत्सुक है, उस पर सवाल बना रहेगा। हमने यह भी पूछा कि क्या दक्षिण से कोई नाम हो सकता है? नीरज दुबे ने कहा की चर्चाएं कई लोगों के नाम की है। इसमें जी किशन रेड्डी भी शामिल है। हालांकि, आखिरी फैसला भाजपा नेतृत्व और संघ की सहमति से ही होगा। नीरज दुबे ने बार-बार इस बात पर जोर दिया की अध्यक्ष जो भी बनेगा ,उसकी जनता में पकड़ होगी और अच्छा वक्ता होगा।

गुजरात में राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान पर नीरज दुबे ने कहा कि वह इस तरीके का बयान क्यों दे रहे हैं, यह वही बता सकते हैं। लेकिन कांग्रेस आलाकमान को यह लगता है कि अगर कोई पार्टी कार्यकर्ता हिंदुत्व की बात करता है तो वह भाजपा से मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि गुजरात में हिंदुत्व एक बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस जैसे-जैसे इससे दूर हुई, पार्टी की हालात वैसे-वैसे राज्य में खराब होती गई। आज राज्य में पार्टी के पास नेता नहीं बचे हैं और जो है वह भी लगातार छोड़कर जा रहे हैं। आप पार्टी को एक तो की एकजुट नहीं रख पा रहे हैं। दूसरी ओर जो नेता बचे हैं, उनपर आरोप लगा रहे हैं। यह दिखा रहा है कि राहुल गांधी को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं है। 

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