श्रीनिवासन गुट की आपत्ति के बाद बीसीसीआई ने एसजीएम स्थगित की

BCCI Postpones SGM After Srinivasan Faction Objection
[email protected] । Jul 12 2017 11:33AM

पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की अगुआई वाले गुट के नोटिस समय को लेकर संवैधानिक नियम का हवाला देकर आपत्ति जताने पर बीसीसीआई ने अपनी आम सभा की विशेष बैठक स्थगित कर दी।

नयी दिल्ली। पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की अगुआई वाले गुट के नोटिस समय को लेकर संवैधानिक नियम का हवाला देकर आपत्ति जताने पर बीसीसीआई ने अपनी आम सभा की विशेष बैठक स्थगित कर दी। श्रीनिवासन गुट ने कहा कि एसजीएम की बैठक बुलाने के लिए बोर्ड ने नियम 17 के उप नियम तीन के तहत 10 दिन का नोटिस नहीं दिया। एसजीएम का आयोजन अब 25 जुलाई के बाद दिल्ली में होने की उम्मीद है। पांच राज्य संघों ने बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना को पत्र लिखकर कहा था की बुलायी गयी एसजीएम के लिये नियमों का पालन नहीं किया गया। इन संघों में श्रीनिवासन का तमिलनाडु क्रिकेट संघ, ‘अयोग्य’ अधिकारी निरंजन शाह का सौराष्ट्र क्रिकेट संघ, कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी का हरियाणा क्रिकेट संघ, टीसी मैथ्यू का केरल क्रिकेट संघ, और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ शामिल हैं। कार्यवाहक अध्यक्ष खन्ना ने इसके बाद कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी को पत्र लिखकर संविधान के अनुसार उचित कदम उठाने को कहा। इन सभी संघों की आपत्ति यह है कि बोर्ड के संविधान के अनुसार बीसीसीआई की विशेष आम बैठक (एसजीएम) बुलाने के लिये कम से कम दस दिन पहले सूचित करना जरूरी होता है। चौधरी इस घटनाक्रम से निराश दिखे। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी तरह से वैधानिक रूप से स्वीकृत बैठक नहीं हो पाई लेकिन चर्चा हुई थी।’’ 

अधिकतर संघ हालांकि गतिरोध दूर करने के लिये एसजीएम बुलाने और बीसीसीआई की विशेष समिति द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार लोढा समिति के तीन सुधारों को छोड़कर बाकी को लागू करने के पक्ष में थे। श्रीनिवासन विरोधी गुट का कहना है कि स्वर्गीय जगमोहन डालमिया ने दिसंबर 2002 में केवल दो दिन के नोटिस पर एसजीएम बुलायी थी।इस दौरान खन्ना बैठक से दूर रहे और वह आयोजन स्थल पर मौजूद नहीं थे।हालांकि बैठक में हिस्सा लेने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हां डालमिया ने बैठक बुलायी थी क्योंकि सभी सदस्यों ने उस पर सहमति जतायी थी और बैठक हुई थी। लेकिन यहां कई संघों ने आपत्ति व्यक्त की है। अगर वे बैठक करते हैं तो ये संघ अदालत जाकर इसमें लिये गये फैसलों पर स्टे आर्डर ले सकते हैं।’’ बाद में अमिताभ चौधरी ने सहमति जताते हुए कहा, ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय के मुख्य आदेशों से जुडे़ मामलों को देखते हुए और इस तथ्य पर विचार करते हुए कि अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी, इन हालात में बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष (खन्ना) ने सोचा कि अनिवार्य नोटिस समय को खत्म करना सही रहेगा। और उम्मीद जताई कि सदस्य कुछ पहलुओं को देखते हुए नोटिस समय को जाने देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि पांच संघों ने कहा कि वह इससे सहमत नहीं हैं और पूरी तरह से उचित तरीके से बैठक बुलाई जानी चाहिए। फिर भी हमारे पास 19 पूर्ण सदस्य, सात अन्य सदस्य थे। कुल 26 सदस्य मौजूद थे। इसलिए अध्यक्ष की सहमति से अगली तारीख से पहले चर्चा करना सही माना गया।’’ शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिर्फ इतना कहा सकता हूं कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं और हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। अगर उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करना है तो हम अपनी विधि टीम की सलाह लेंगे।''

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़