बृजभूषण और प्रदर्शनकारी पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के निलंबन के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाया

Brij Bhushan Sharan Singh
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उन्होंने कहा, ‘‘ बृजभूषण अपने आपको बचाने और महासंघ को अपने कब्जे में रखने के लिए हर ऐसी चाल चल रहा है जिससे भारतीय कुश्ती कमजोर हो। ’’ विनेश के बाद ओलंपिक पदक विजेता पहवान बजरंग पूनिया ने भी बृजभूषण पर गंभीर आरोप लगाये। पूनिया ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बृजभूषण सिंह ख़ुद कुश्ती महासंघ पर क़ब्ज़ा किए बैठा है, अपने दखल के बिना महासंघ नहीं बनने दे रहा. महिला पहलवानों का शोषण करने वाला यह आदमी इसलिए महासंघ पर अपना क़ब्ज़ा रखना चाहता है क्योंकि अगर इसके गुर्गों की जगह कोई सही इंसान अध्यक्ष बन गया तो बृजभूषण के काले कारनामे बाहर आ जाएंगे।’’

कैसरगंज से भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू से डब्ल्यूएफआई की सदस्यता रद्द होने के लिए तीन पहलवानों बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक को जिम्मेदार ठहराया। विनेश ने हालांकि बृजभूषण पर पलटवार करते हुए इस परिस्थिति के लिये उन्हें जिम्मेदार बताया। विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण डब्ल्यूएफआईको निलंबित कर दिया जिसका मतलब है कि भारतीय पहलवान आगामी विश्व चैंपियनशिप में भारतीय ध्वज तले नहीं खेल पाएंगे। विश्व चैम्पियनशिप की दो बार की चैम्पियन विनेश ने इसके बाद शनिवार को सोशल मीडिया मंच एक्स (ट्विटर) पर बृजभूषण के लिए ‘माफिया’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए लिखा, ‘‘बृजभूषण की वजह से भारतीय कुश्ती को जितना नुकसान उठाना पड़ा है, अगर उसका सही से आकलन कर लिया जाए तो इसका कच्चा चिट्ठा सामने आ जाएगा।

एक माफिया की वजह से तिरंगे का अपमान हुआ है।’’ डब्ल्यूएफआई के चुनाव 12 अगस्त को होने थे लेकिन पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा कुश्ती संघ की याचिका पर इन पर रोक लगा दी। बृजभूषण ने शनिवार को एक निजी कालेज में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि सदस्यता रद्द होने के लिए ये प्रदर्शन करने वाले पहलवान जिम्मेदार हैं, जिन्होंने कुश्ती और देश के पहलवानों के साथ मजाक किया है। उन्होंने कहा, ‘‘आज बहुत दुखद स्थिति है कि चुनाव न हो पाने के लिए भारत पहली बार यूडब्ल्यूडब्ल्यू (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) से प्रतिबंधित हुआ है। यदि इस समस्या का शीघ्र समाधान न हुआ तो भारत को बड़ा नुकसान होगा। एशियाई खेलों, ओलंपिक खेलों और विश्व चैम्पियनशिप में भारत के ध्वज तले कोई भी पहलवान कुश्ती नहीं लड़ सकेगा। ’’ बृजभूषण ने कहा कि डब्लूएफआई का अध्यक्ष कौन होगा, यह कुश्ती महासंघ तय करेगा, न कि कोई खिलाड़ी।

उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा में आज मतदान करवा लीजिए, फिर देखिए कौन किसका समर्थन करता है? मैंने जनवरी में चुनाव कराने की कोशिश की थी। लेकिन, आपको पता है कि मेरे ऊपर क्या-क्या आरोप लगाए गए? इसके बाद सरकार ने मुझसे कुछ दिन तक कुश्ती से दूर रहने को कहा। इसके बाद भी मैंने चार बार चुनाव कराने की कोशिश की, लेकिन, हर बार कोई न कोई अवरोध उत्पन्न होता रहा।’’ बृजभूषण ने कहा, ‘‘यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने इस बार स्पष्ट चेतावनी दी थी कि 45 दिन के अंदर अगर चुनाव नहीं होता है, तो भारत की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। अन्ततः यही हुआ। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया। इसके बाद पंजाब उच्च न्यायालय ने ऐसा ही आदेश दिया। आप सबको पता होगा कि उत्तर प्रदेश से मैं और मेरा बेटा करण सिंह मतदाता थे, लेकिन खिलाड़ियों की मांग पर मैने बेटे समेत स्वयं को इससे अलग कर लिया, लेकिन फिर भी चुनाव नहीं हो पाया। इसका परिणाम देश के सामने है। ’’

सांसद ने कहा, ‘‘ खेल मंत्रालय के कहने पर मैंने खुद को कुश्ती से अलग कर दिया। अब न तो मैं और न मेरे परिवार का कोई भी सदस्य इसका हिस्सा है। अब वे यह मांग करने लगें कि मैं भारत की नागरिकता छोड़ दूं, तो यह मेरे लिए संभव नहीं है। ’’ बृभभूषण के संवाददाता सम्मेलन के बाद विनेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ बृजभूषण सिंह खुद कुश्ती महासंघ पर कब्जा किए बैठा है, अपने दखल के बिना महासंघ का गठन नहीं होने दे रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ महिला पहलवानों का शोषण करने वाला यह आदमी इसलिए महासंघ पर अपना कब्जा रखना चाहता है क्योंकि अगर इसके गुर्गों की जगह कोई सही इंसान अध्यक्ष बन गया तो बृजभूषण के काले कारनामे बाहर आ जाएँगे। एक अपराधी अपने आपको बचाने के लिए देश का कितना बड़ा नुकसान कर रहा है, यह जगज़ाहिर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ बृजभूषण अपने आपको बचाने और महासंघ को अपने कब्जे में रखने के लिए हर ऐसी चाल चल रहा है जिससे भारतीय कुश्ती कमजोर हो। ’’ विनेश के बाद ओलंपिक पदक विजेता पहवान बजरंग पूनिया ने भी बृजभूषण पर गंभीर आरोप लगाये। पूनिया ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बृजभूषण सिंह ख़ुद कुश्ती महासंघ पर क़ब्ज़ा किए बैठा है, अपने दखल के बिना महासंघ नहीं बनने दे रहा. महिला पहलवानों का शोषण करने वाला यह आदमी इसलिए महासंघ पर अपना क़ब्ज़ा रखना चाहता है क्योंकि अगर इसके गुर्गों की जगह कोई सही इंसान अध्यक्ष बन गया तो बृजभूषण के काले कारनामे बाहर आ जाएंगे।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘ एक अपराधी अपने आपको बचाने के लिए देश का कितना बड़ा नुक़सान कर रहा है, यह जग ज़ाहिर है। बृजभूषण कह रहा है कि उसने ख़ुद को महासंघ से दूर कर लिया है। जब दूर कर लिया है तो चुनाव से एक दिन पहले होटल में सभी मतदाताओं के साथ बैठक क्यों कर रहे थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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