धोनी और ब्रैथवेट की अलग-अलग राय थी ‘खेलने को लेकर’

[email protected] । Aug 29 2016 5:14PM

धोनी और ब्रैथवेट के बीच दूसरे ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल पार्क के मैदान की स्थिति को देखने के बाद अलग अलग राय थी जो आउटफील्ड गीली होने के कारण रद्द हो गया था।

लॉडरहिल (अमेरिका)। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और वेस्टइंडीज के कप्तान कालरेस ब्रैथवेट के बीच दूसरे ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल पार्क के मैदान की स्थिति को देखने के बाद अलग अलग राय थी जो आउटफील्ड गीली होने के कारण रद्द हो गया था। वेस्टइंडीज को 143 रन पर समेटने के बाद भारतीय टीम ने दो ओवर में बिना विकेट गंवाये 15 रन बना लिये थे, लेकिन तभी 15 मिनट आयी तेज बारिश से मैदान के कुछ हिस्से में काफी कीचड़ हो गयी जिसमें मैदान के पवेलियन छोर की ओर का गेंदबाजों का रन-अप भी शामिल था, जिसके कारण अधिकारियों को मैच रद्द करना पड़ा। ब्रैथवेट ने कहा, ‘‘इसमें दो-तीन चीजें चिंता का विषय थी। पवेलियन की ओर देखते हुए, उस छोर का रन-अप और प्रायोजकों (मैदान पर पेंट किये गये विज्ञापन) के समीप शायद मिड आन और फिर पश्चिमी छोर की ओर एक छोटा पैच (कीचड़ का) था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये मेरी राय में इस पर खेलना असुरक्षित था और अगर रन-अप अच्छा भी था तो अगर एक खिलाड़ी उस आउटफील्ड पर गेंद हिट करता और कोई उसके पीछे दौड़ता और वह गिर जाता तो यह उस खिलाड़ी के कैरियर का अंत हो सकता था।’’ ब्रैथवेट ने कहा, ‘‘इसलिये हम ऐसे मैदान पर नहीं खेलना चाहेंगे, हम हर किसी के कैरियर के लिये जहां तक संभव हो, सुविधायें और परिस्थितियां सुरक्षित चाहते थे।’’ हालांकि धोनी ने कहा कि वह अपने कैरियर के दौरान इससे भी खराब हालात में खेले हैं और उन्होंने इंग्लैंड के 2011 के दौरे का उदाहरण दिया।

धोनी ने कहा, ‘‘अंपायर ने हमसे कहा, कि यहां उपयुक्त उपकरण मौजूद नहीं है और मैदान के हालात काफी खराब थे इसलिये हालात में कोई सुधार नहीं हो पायेगा तो हम मैच नहीं खेल सकते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैच अधिकारियों को इस पर फैसला करना था। जहां तक मेरा संबंध है, मैं करीब 10 साल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुका हूं और सच कहूं तो मैं काफी खराब हालात में भी खेला हूं।’’ धोनी ने कहा, ‘‘अगर मैं याद करूं तो हमने 2011 में इंग्लैंड में पूरी वनडे सीरीज लगभग बारिश में ही खेली थी। लेकिन हालात के बारे में फैसला अंतत: अंपायरों को ही करना होता है और वे फैसला करते हैं और आप खेलते हो, हम खेलते हैं। अगर वे कहते हैं कि यह मैदान खेलने के लिये सही नहीं है तो यह खेलने के लिये सही नहीं होता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं और ब्रावो जहां खड़े थे, उस छोर पर पैच था लेकिन यह गेंदबाजों के रन-अप से काफी दूर था। उनकी टीम में कोई शोएब अख्तर तो नहीं था इसलिये मुझे नहीं लगता कि यह बड़ी चिंता की बात थी।''

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