सुंदर सिंह गुर्जर ने हथेली कटने के बाद भी कम नहीं होने दिया हौसला, भारत के लिए रचा था स्वर्णिम इतिहास

भालाफेंक खिलाड़ी सुंदर सिंह गुर्जर की जमकर चर्चा हो रही है। उन्होंने साल 2019 के विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था।
टोक्यो। ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के बाद अब पैरालंपिक के लिए 54 सदस्यीय टीम को टोक्यो भेजा है। भारतीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष दीपा मलिक ने कहा था टोक्यो 2020 पैरालंपिक में हम पदकों का रिकार्ड देखेंगे क्योंकि हमारे खिलाड़ी अपनी फॉर्म के शिखर पर हैं। इसी बीच भालाफेंक खिलाड़ी सुंदर सिंह गुर्जर की जमकर चर्चा हो रही है। उन्होंने साल 2019 के विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था।
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बाएं हाथ की हथेली न होने के बावजूद सुंदर सिंह गुर्जर ने अपने हौसले को कभी कम होने नहीं दिया। साल 1996 में राजस्थान के देवलेन गांव में जन्में सुंदर सिंह गुर्जर का जीवन साल 2015 तक सामान्य था लेकिन दोस्त की मदद करते समय अप्रिय घटना के शिकार हो गए। दरअसल, सुंदर सिंह गुर्जर अपने दोस्त के घर में टिन शेड लगाने में मदद कर रहे थे उसी समय बाएं हाथ की हथेली चोटिल हो गई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सुंदर सिंह गुर्जर के हाथ में लगी चोट इतनी ज्यादा गंभीर थी कि उनकी हथेली को अलग करना पड़ा। लेकिन फिर भी उन्होंने अपना हौसला कम नहीं होने दिया और भविष्य के बारे में विचार करते हुए कड़ी मेहनत की और साल 2017 में खुद को साबित किया।साल 2016 में तकनीकी कारणों से डिस्क्वालीफाई होने वाले सुंदर सिंह गुर्जर ने लंदन में साल 2017 में आयोजित हुए पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश को पहला पदक दिलाया। आपको बता दें कि सुंदर सिंह गुर्जर ने कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और लगातार अपने प्रदर्शन को बेहतर किया। इसीलिए तो उन्हें पैरा-एथलेटिक्स के लिए अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।#TeamIndia is ready to give their best at #Tokyo2020
— SAIMedia (@Media_SAI) August 21, 2021
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सुंदर सिंह गुर्जर ने साल 2013 के लियोन चैपियनशिप में स्वर्ण और साल 2015 के दोहा चैपियनशिप में रजत पदक हासिल किया था। साल 2019 में कंधे की चोट से जूझने के बावजूद उन्होंने देश का सिर फ़क्र से ऊंचा किया और स्वर्ण पदक पर अपना भाला फेंका।
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