फर्राटा धाविका दुती ने दो महीने बाद आउटडोर ट्रेनिंग शुरू की, शांत स्टेडियम लगा अजीब

DUTTE CHAND

एथलीट दुती चंद नेदो महीने बाद आउटडोर ट्रेनिंग शुरू की।ओडिशा सरकार ने कोविड-19 लॉकडाउन के चौथे चरण में दिशानिर्देशों में ढील देकर ट्रेनिंग की अनुमति दी। चौबीस साल की दुती ने सोमवार को दो महीने बाद पहली बार सिंथेटिक ट्रैक पर अभ्यास किया।

नयी दिल्ली। लॉकडाउन दिशानिर्देशों में ढील के बाद आउटडोर ट्रेनिंग शुरू करने वाली एथलीट दुती चंद ने भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में अभ्यास शुरू किया लेकिन उन्हें खाली स्टेडियम में अकेले ट्रेनिंग करने का अहसास थोड़ा अजीब लगा। ओडिशा सरकार ने कोविड-19 लॉकडाउन के चौथे चरण में दिशानिर्देशों में ढील देकर ट्रेनिंग की अनुमति दी। चौबीस साल की दुती ने सोमवार को दो महीने बाद पहली बार सिंथेटिक ट्रैक पर अभ्यास किया। वह 20 मार्च से शुरू होने वाली सत्र की पहली इंडियन ग्रां प्री में भाग लेने के लिये पटियाला में थीं लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते इसे रद्द कर दिया गया। तब से वह कलिंग प्राद्योगिकी संस्थान के अपने कमरे तक सीमित रहीं, हालांकि उन्हें वहां जिम इस्तेमाल करने की अनुमति थी। दुती ने कहा, ‘‘दो महीनों बाद मैं आउटडोर ट्रेनिंग कर रही थी और ट्रैक पर दौड़ते हुए हवा को महसूस करना बहुत अच्छा अहसास था। ट्रैक एथलीट के लिये इससे बेहतर अहसास कुछ नहीं हो सकता। साथ ही मैं एक अजीब सी चीज भी महसूस कर रही हूं। ’’

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एशियाई खेलों में 100 मीटर और 200 मीटर में रजत पदक जीतने वाली दुती ने कहा, ‘‘सामान्य रूप से कलिंग स्टेडियम परिसर के अंदर होस्टल में काफी प्रशिक्षु होते हैं लेकिन इस महामारी के चलते वे सभी अपने घर जा चुके हैं। इसलिये इतने बड़े स्टेडियम में सिर्फ मैं ही ट्रेनिंग कर रही हूं। यह थोड़ा अजीब है, भयानक शांति है। ’’ राज्य के एक अन्य एथलीट एमिया कुमार मलिक भी स्टेडियम में ट्रेनिंग करते हैं लेकिन वह दुती के ट्रेनिंग करने के बाद ही ऐसा करते हैं ताकि दो एथलीट एक साथ अभ्यास नहीं करें। दुती ने कहा, ‘‘मैं सुबह छह बजे ट्रेनिंग शुरू करती हूं और आठ बजे तक खत्म करती हूं। वह आठ से थोड़ा पहले आता है। इसलिये हम एक साथ ट्रेनिंग नहीं करते। शाम में मैं सात बजे से एक घंटे का अभ्यास करती हूं। ’’ इस धाविका ने कहा, ‘‘मांसपेशियां अभी थोड़ी जकड़ी हैं, मैं उन्हें ढीला कर रही हूं। कम से कम दो महीने लगेंगे, पूरी रफ्तार में आने में। मेरे कोच एन रमेश ट्रेनिंग के दौरान वीडियो कॉल पर रहते हैं और वह मुझे बताते रहते हैं कि क्या करना है, क्या नहीं और मैं उनके आदेश का पालन करती हूं। ’’ उनका लक्ष्य इस सत्र तक फिटनेस और फार्म बरकरार रखना है और साथ ही विदेश में ट्रेनिंग व टूर्नामेंट खेलने की भी योजना है ताकि वह तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर सकें।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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