FIFA World Cup: मिकी बात्सुयाइ के गोल की मदद से बेल्जियम ने कनाडा को 1-0 से हराया

Micky Batshuayi
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Common

बेल्जियम के लिए जीत के अलावा मैच में जश्न मनाने वाली कोई अन्य चीज नहीं रही। यहां तक कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक केविन डी ब्रूएन भी अपने और टीम के प्रदर्शन से निराश थे। जब उन्हें मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया तो वह इस फैसले पर भी हैरान थे।बेल्जियम के लिए जीत के अलावा मैच में जश्न मनाने वाली कोई अन्य चीज नहीं रही। यहां तक कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक केविन डी ब्रूएन भी अपने और टीम के प्रदर्शन से निराश थे। जब उन्हें मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया तो वह इस फैसले पर भी हैरान थे। बेल्जियम के लिए जीत के अलावा मैच में जश्न मनाने वाली कोई अन्य चीज नहीं रही। यहां तक कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक केविन डी ब्रूएन भी अपने और टीम के प्रदर्शन से निराश थे। जब उन्हें मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया तो वह इस फैसले पर भी हैरान थे। डी ब्रूएन ने कहा,‘‘ मुझे नहीं लगता कि मैंने अच्छा खेल दिखाया।

मिकी बात्सुयाइ के पहले हॉफ के आखिरी क्षणों में किए गए गोल की मदद से बेल्जियम ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं करने के बावजूद कनाडा को 1-0 से हराकर फीफा विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता में अपने अभियान की जीत से शुरुआत की। कनाडा 36 साल बाद विश्वकप में भाग ले रहा है। उसने अच्छे प्रयास किए लेकिन बात्सुयाइ के 44वें मिनट में किए गए गोल से उसकी वापसी यादगार नहीं बन पाई। विश्व में दूसरे नंबर की टीम बेल्जियम किसी भी समय अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई। उसके गोलकीपर थिबाउट कौरटोइस ने अगर शुरू में पेनल्टी नहीं बचाई होती तो परिणाम इसके उलट भी हो सकता था।

बेल्जियम के लिए जीत के अलावा मैच में जश्न मनाने वाली कोई अन्य चीज नहीं रही। यहां तक कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक केविन डी ब्रूएन भी अपने और टीम के प्रदर्शन से निराश थे। जब उन्हें मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया तो वह इस फैसले पर भी हैरान थे। डी ब्रूएन ने कहा,‘‘ मुझे नहीं लगता कि मैंने अच्छा खेल दिखाया। मैं नहीं जानता कि मुझे यह ट्रॉफी क्यों दी गई। मुझे लगता है कि मेरे नाम के कारण मुझे यह पुरस्कार मिला।’’ बेल्जियम की उम्रदराज टीम को कुछ अवसरों पर कनाडा ने कड़ी चुनौती दी। कनाडा ने विश्वकप के इतिहास में अब तक जो चार मैच खेले हैं वह उन सभी में गोल करने में नाकाम रहा है। उसने 1986 के विश्वकप में तीन मैच खेले थे जिनमें वह गोल नहीं कर पाया था।

कनाडा ने शुरू से आक्रामक रवैया अपनाया जिसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसने गोल पर 21 शॉट जमाए जबकि बेल्जियम नौ शॉट ही जमा सका। कनाडा के इन शॉट में उसके स्टार खिलाड़ी अल्फोंसो डेविस का पेनल्टी पर लिया गया शॉट भी शामिल है जिसे बेल्जियम के गोलकीपर ने रोक दिया था। कनाडा के पास विश्वकप में गोल करने का यह सबसे सुनहरा मौका था जो उसने गंवा दिया। कनाडा के कोच जॉन हेर्डमैन ने अपने खिलाड़ियों के बारे में कहा, ‘‘उन्होंने दिखाया कि वह इस स्तर पर खेलने के लिए तैयार है और इस स्तर के खिलाड़ी हैं।’’ मैच का निर्णायक पल 44वें मिनट में आया जब बेल्जियम ने बढ़त हासिल की।

इसे भी पढ़ें: Davis Cup: स्पेन को हराकर क्रोएशिया डेविस कप के सेमीफाइनल में

तब हालांकि डी ब्रूएन का थ्रो या ईडन हजार्ड का पास अच्छा नहीं था लेकिन कनाडा की रक्षा पंक्ति छितर गई जिसका फायदा उठाकर बात्सुयाइ ने गोल दाग दिया। बेल्जियम के कोच रॉबर्टो मार्टिनेज ने स्वीकार किया कि छह साल पहले कोच पद संभालने के बाद यह उनकी टीम का सबसे खराब प्रदर्शन था। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि बहुत अच्छा खेल नहीं दिखाने के बावजूद हमने मैच जीत लिया। ’’ बेल्जियम का अगला मुकाबला रविवार को मोरक्को से जबकि कनाडा का इसी दिन क्रोएशिया से होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़