भारतीय ट्रैक और फील्ड की रानी PT Usha, जानिए इनके बारे में कुछ रोचक बातें

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निधि अविनाश । Jun 27 2022 4:24PM

उषा ने ओलंपिक में कभी कोई पदक नहीं जीता, लेकिन इस आयोजन में उनकी पहली बार एक और बात यह थी कि वह 1985 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक के दौरान टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला धावक बनीं थी।

सबसे महान भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीटों में से एक पीटी उषा एक ऐसी शख्सियत है जिसका नाम हर भारतीय को अच्छे से पता होगा। केरल के कुट्टली के महान धावक पीटी उषा ने 1976-2000 के बीच भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलेटिक्स में अपना दबदबा बनाया। पांच फुट और सात इंच लंबी पीटी उषा ने 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर की श्रेणियों में भाग लिया है। उन्होंने अपने पूरे करियर में कई पदक जीते हैं, जिसकी संख्या 34 है, जबकि इसमें 18 स्वर्ण और 13 रजत शामिल हैं। वह काफी जुनूनी और हमेशा खुद के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने में विश्ववास रखती है। आज यानि सोमवार को वह 58 साल की हो गईं है और इस अवसर पर हम आज आपको उनके बारे में कुछ रोचक बातें बताएंगे जो आप नहीं जानते होंगे।

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पहला- 1980 में, उषा ने कराची में राष्ट्रीय पाकिस्तान खेलों में भाग लिया, जहाँ उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में भाग लिया और दोनों में ही जीत हासिल किया।

दूसरा-1980 के मास्को ओलंपिक के दौरान, उषा ने पदार्पण किया और उसी में प्रतिस्पर्धा करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बन गईं। इसके अलावा, वह इस आयोजन में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला भी थीं।  

तीसरा- उषा ने ओलंपिक में कभी कोई पदक नहीं जीता, लेकिन इस आयोजन में उनकी पहली बार एक और बात यह थी कि वह 1985 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक के दौरान टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला धावक बनीं थी।

चौथा-1985 में जकार्ता में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान, उषा ने इस आयोजन में पांच स्वर्ण पदक जीते, जो अभी भी एक एकल स्पर्धा में एक महिला द्वारा सबसे अधिक का रिकॉर्ड है। 

अपने शानदार करियर के कारण, उषा को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया जिसमें से है यह:

अर्जुन पुरस्कार: 1984

पद्म श्री: 1985

मानद डॉक्टरेट - कन्नूर विश्वविद्यालय: 2000

मानद डॉक्टरेट  IIT कानपुर: 2017

मानद डॉक्टरेट - कालीकट विश्वविद्यालय: 2018

IAAF वेटरन पिन: 2019 

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