WFI elections: भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, शनिवार को होनी थी वोटिंग

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ANI
अंकित सिंह । Aug 11 2023 6:21PM

डब्ल्यूएफआई के नियमों के मुताबिक, एक राज्य संघ अपने चुनाव में वोट डालने के लिए दो सदस्यों को भेज सकता है। लेकिन हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ ने भी दावा किया है कि उनका डब्ल्यूएफआई से जुड़ाव है और उन्हें चुनाव में वोट देने का अधिकार है।

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) चुनावों के संबंध में एक बड़े घटनाक्रम में, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा कुश्ती संघ (एचडब्ल्यूए) द्वारा दायर एक याचिका के बाद शनिवार (12 अगस्त) को होने वाले मतदान पर रोक लगा दी है। यह रोक अगले आदेश तक है। हरियाणा कुश्ती संघ ने हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ (HAWA) को WFI चुनावों में वोट डालने की अनुमति देने के कदम को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। HWA का नेतृत्व संसद सदस्य दीपिंदर हुड्डा करते हैं और यह आधिकारिक तौर पर WFI और हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन (HOA) से संबद्ध है। 

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डब्ल्यूएफआई के नियमों के मुताबिक, एक राज्य संघ अपने चुनाव में वोट डालने के लिए दो सदस्यों को भेज सकता है। लेकिन हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ ने भी दावा किया है कि उनका डब्ल्यूएफआई से जुड़ाव है और उन्हें चुनाव में वोट देने का अधिकार है। हरियाणा कुश्ती संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील रविंदर मलिक ने खुलासा किया कि HAWA हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन से संबद्ध नहीं है इसलिए वे वोट देने के हकदार नहीं हैं। वहीं, हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ ने दावा किया कि एचडब्ल्यूए चुनाव प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकता क्योंकि वह डब्ल्यूएफआई से मान्यता प्राप्त नहीं है।

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एचडब्ल्यूए के प्रतिनिधि मलिक ने कहा,‘‘यदि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी जाती है, तो इससे पूर्वाग्रह पैदा होगा और साथ ही डब्ल्यूएफआई चुनाव भी अवैध माने जाएंगे।’’ अदालत ने इस पर संज्ञान लिया और कहा कि यह किसी के प्रति पूर्वाग्रह पैदा कर सकता है और प्रथम दृष्टया लगता है कि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ वोट डालने की पात्रता नहीं रखता है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विनोद एस भारद्वाज की अदालत ने डब्ल्यूएफआई के चुनावों पर रोक लगा दी है।

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