जापान के कोच ने की टीम की तारीफ कहा- खिलाड़ियों में है गजब की खासियत

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फीफा विश्व कप के राउंड ऑफ 16 में मैच खेले जाएंगे। जापान के भिडंत गत उपविजेता क्रोएशिया से होने वाला है। रात साढ़ आठ बजे से ये मुकाबला शुरू होगा। इस मुकाबले में जो भी टीम हारेगी वो फीफा विश्व कप से बाहर हो जाएगी। उसका फीफा का सफर यही खत्म हो जाएगा।

जापान और क्रोएशिया के बीच फीफा विश्व कप में आज अहम मुकाबला होने वाला है। मुकाबले से पहले जापान के कोच हाजीम मोरियासु ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कतर में फीफा विश्व कप 2022 में अंतिम-16 चरण में उनकी टीम का शानदार प्रदर्शन रहा है। टीम के इस दमदार प्रदर्शन के लिए कोच ने टीम के खिलाड़ियों को श्रेय देते हुए कहा कि हर खिलाड़ी में अपनी अलग खासियत है, जो टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा।

जापान की टीम ने ग्रुप ई में शीर्ष पर जर्मनी और स्पेन को हराया था। इसके बाद जापान पहली बार विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की कोशिश करेगा। जापान का सामना पांच दिसंबर को क्रोएशिया की टीम के साथ होने वाला है। जापान के कोच ने कहा कि जापान की टीम में हमेशा अनुशासन रहा है। वर्तमान में खिलाड़ियों की व्यक्तिगत प्रतिभा से भी काफी फर्क पड़ रहा है। जापान की टीम के 11 सदस्य यूरोपीय टीमों के साथ भी खेलते है।

उन्होंने कहा कि जापान की टीम ऐसी रही है जो संगठित होकर अच्छे से मैच के दौरान खेल सकती है। व्यक्तिगत खिलाड़ी मजबूत नहीं होते, यह वास्तव में पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों के समय का आंकलन किया जाए तो साफ पता चलता है कि व्यक्तिगत खिलाड़ी हर स्तर पर काफी सक्षम हुए है।

रिपोर्ट के मुताबिक डिफेंडर यूटो नागाटोमो ने जर्मनी और स्पेन के खिलाफ हुए मुकाबले में पिछड़ने के बाद दोबारा दमदार वापसी की थी। माना जा रहा है कि आज क्रोएशिया के खिलाफ होने वाले मुकाबले में भी ऐसा ही दमदार प्रदर्शन देखने को मिल सकता है। जापान के पास क्रोएशिया के खिलाफ होने वाले मुकाबले में काफी अच्छा प्रदर्शन करने का मौका है। इस मैच के जरिए जापान की टीम दिखा सकती है को वो किसी भी विरोधी टीम के सामने समुराई की तरह लड़ सकती है। जापान की फुटबॉल टीम इतमी सक्षम है कि किसी भी विरोधी के सामने डटकर लड़ सकती है।

उन्होंने कहा कि मैच के दौरान जरूरी है कि खिलाड़ी मजबूत मनोस्थिति के साथ मैदान पर उतरें। अगर किसी भी तरह के डर के साथ वो मैदान पर उतरेंगे तो अपनी काबिलिय का पूरा उपयोग नहीं कर सकेंगे। जैसे किसी युद्ध में जाने से पहले योद्धा भी अपने हथियारों को तैयार करते है।

उन्होने कहा कि फुटबॉल भी ऐसा ही खेल है, जिसमें रणनीति औऱ तकनीक काफी महत्वपूर्ण रोल अदा करती है। मगर रणनीति और तकनीक चाहे जितनी मजबूत हो जाए अगर खिलाड़ी मैदान पर डरा हुआ रहता है तो वो किसी भी स्थिति में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेगा। मैदान पर साहस के साथ ही खेल खेला जा सकता है।

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