हौसला अफजाई के लिए रियो पहुंचे जूडोका अवतार के माता-पिता

[email protected] । Aug 10 2016 11:07AM

अपने बेटे अवतार सिंह का ओलंपिक में खेलने का सपना पूरा करने के लिए एक समय अपने सावधि जमाखाते तोड़ने वाले उनके माता पिता उनकी हौसला अफजाई के लिए पहुंच गए हैं।

रियो डि जिनेरियो। अपने बेटे अवतार सिंह का ओलंपिक में खेलने का सपना पूरा करने के लिए एक समय अपने सावधि जमाखाते तोड़ने वाले उनके माता पिता उनकी हौसला अफजाई के लिए पहुंच गए हैं। अवतार  बारा डा तिजुका के कारिओका एरिना 2 में अपना अभियान शुरू करेंगे। स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अवतार के पिता शिंगरा सिंह ने अप्रैल में सामसुन ग्रां प्री में बेटे के हिस्सा लेने के लिए उसकी उड़ान की टिकट बुक कराने की खातिर 21 साल से जमा किए गए अपने एक सावधि जमाखाते से चार लाख रुपए निकाले थे। 2004 के बाद से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले अवतार पहले भारतीय जूडोका हैं। महाद्वीपीय कोटे के तहत अंतरराष्ट्रीय जूडो परिसंघ ने 90 किग्रा श्रेणी में उनके प्रवेश की पुष्टि की थी। अब चार महीने बाद प्रायोजकों की मदद से शिंगरा और उनकी पत्नी सुखविंदर कौर 20 घंटे से ज्यादा लंबा सफर तय कर रियो पहुंचे। पंजाब के गुरदासपुर के एक गांव का रहने वाला यह दंपति पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय उड़ान में बैठे।

अवतार ने शरणार्थियों की ओलंपिक टीम के पोपले मिसेंगा के खिलाफ अपने मुकाबले से पहले कहा, ‘‘मेरे माता पिता का हॉल में बैठकर मुझे खेलते देखना मेरे लिए सपना सच होने जैसा होगा और यह मेरे लिए सबसे अच्छी चीज है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा और अपने माता पिता, देश को गर्व का अनुभव कराउंगा।’’ मूल रूप से डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के रहने वाले मिसेंगा ब्राजील में बस गए हैं। वह रैंकिंग में भले ही 71वें नंबर के भारतीय खिलाड़ी से नीचे हों लेकिन अवतार के कोच यशपाल सोलंकी मुकाबले को हल्का मानकर नहीं चल रहे। सोलंकी ने कहा, ‘‘ब्राजील आने के बाद से मिसेंगा तीन साल से भी ज्यादा समय से ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ प्रशिक्षण ले रहे थे। इसलिए यह एक मुश्किल चुनौती है लेकिन अवतार तैयार है।''

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