कोसोवो की मुक्केबाज का वीजा कारणों से महिला विश्व चैंपियनशिप से बाहर रहना तय

Donjeta Sadiku
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आईबीए ने भारत को इस चैंपियनशिप की मेजबानी क्यों सौंपी जबकि उसे पता था कि भारत ने अतीत में भी मुझे वीजा नहीं दिया था। यह तीसरा अवसर है जबकि भारत सरकार मुझे विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लेने की अनुमति नहीं दे रही है। मैं बहुत निराश हूं।

नयी दिल्ली। भारत में होने वाली महिला मुक्केबाजी विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने के लिये भारतीय वीजा हासिल करने की सारी उम्मीदें खो चुकी कोसोवो की मुक्केबाज डोनजेता सादिकु ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) के टूर्नामेंट की मेजबानी के अधिकार भारत को देने के फैसले पर सवाल उठाया है। सादिकु की आईबीए की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भाग लेने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है क्योंकि भारत सरकार ने अभी तक उन्हें वीजा नहीं दिया है। भारत दक्षिण पूर्वी यूरोप के विवादित क्षेत्र कोसोवो को मान्यता नहीं देता है।

सादिकु ने कहा कि कोसोवो का खेल मंत्रालय भारत सरकार से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है लेकिन लगता है कि उन्हें फिर से इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ेगा। सादिकु ने कहा, ‘‘मुझे अभी तक भारत से कोई जवाब नहीं मिला है। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में मेरी भागीदारी को मंजूरी दी है और आईबीए ने कहा कि कोई समस्या नहीं होगी, लेकिन भारत सरकार और विदेश मंत्रालय ने मेरे वीजा आवेदन पर अभी तक जवाब नहीं दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा खेल मंत्रालय उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हमने उम्मीद खो दी है। हमारे पास कल (सोमवार) के लिए हवाई जहाज का टिकट है और अभी तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है।’’ यह पहला अवसर नहीं है जब सादिकु को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा हो।

विश्व चैंपियनशिप 2022 में लाइटवेट वर्ग की कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज को इससे पहले दो अवसरों पर भारतीय वीजा नहीं दिया गया था। इस कारण वह दिल्ली में 2018 में हुई महिला विश्व चैंपियनशिप और गुवाहाटी में युवा महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग नहीं ले पाई थी।

सादिकु ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानती कि आईबीए ने भारत को इस चैंपियनशिप की मेजबानी क्यों सौंपी जबकि उसे पता था कि भारत ने अतीत में भी मुझे वीजा नहीं दिया था। यह तीसरा अवसर है जबकि भारत सरकार मुझे विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लेने की अनुमति नहीं दे रही है। मैं बहुत निराश हूं, क्योंकि मैंने कड़ा अभ्यास किया था और मैं भारत में पदक जीतने को लेकर बहुत प्रेरित थी।’’

कोसोवो ने 2008 में सर्बिया से अलग होकर स्वतंत्रता की घोषणा की लेकिन भारत इसे एक देश के रूप में मान्यता नहीं देता है। इस मामले में जब बीएफआई से प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया तो उसके अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, ‘‘यह भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। यह भारत सरकार का विशेषाधिकार है, वीजा देना या नहीं देना उनके ऊपर है। हमने उनसे संपर्क किया था। इस पर फैसला सरकार को करना है।

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