भारत के उदाहरण से सबक ले पाकिस्तान हॉकी टीम: हसन सरदार

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[email protected] । Dec 14 2018 12:16PM

पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी हसन सरदार ने कहा कि हॉकी विश्व कप में खेलने से पाक टीम को खुद का आकलन करने का मौका मिला है।

भुवनेश्वर। विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान हाकी को जमीनी स्तर पर मेहनत करने की सलाह देते हुए पूर्व दिग्गज खिलाड़ी हसन सरदार ने कहा कि उनकी टीम को भारत के उदाहरण से सबक लेना चाहिये। चार बार की चैम्पियन पाकिस्तानी हाकी टीम विश्व कप के क्रासओवर में चरण में बेल्जियम से हारकर बाहर हो गई। पाकिस्तानी टीम के मैनेजर और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सेंटर फारवर्ड में शुमार रहे सरदार ने रवानगी से पहले  दिये इंटरव्यू में कहा कि इस टूर्नामेंट के जरिये उनकी टीम को खुद का आकलन करने का मौका मिला और उन्हें लगता है कि भारत समेत दूसरी टीमों के समकक्ष आने में अभी काफी समय लगेगा।

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उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन काफी अफसोसनाक रहा और पाकिस्तान हाकी के सुनहरे दौर के साक्षी रहने के कारण हमें और भी खराब लगा। हमें जमीनी स्तर पर हाकी पर काम करना होगा और तोक्यो ओलंपिक 2020 के साथ अगले विश्व कप को ध्यान में रखना होगा। हम भारत के उदाहरण से काफी कुछ सीख सकते हैं। सरदार ने कहा कि भारत की टीम पिछले कई साल की तुलना में सबसे बेहतरीन टीम है। भारत मैचों में वापसी करना सीख गया है और प्रदर्शन में निरंतरता आई है। भारत ने समय रहते हाई परफार्मेंस पर फोकस किया और विदेशी कोच का भी इसमें काफी योगदान रहा। पाकिस्तान को भी विदेशी कोच की सख्त जरूरत है और हम कोशिश करेंगे कि कोई डच कोच नियुक्त हो सके।

उन्होंने कहा कि भारत को लगातार अच्छी टीमों के खिलाफ हाकी खेलने का फायदा मिला और हाकी लीग जैसे टूर्नामेंटों से खिलाड़ियों का पूल बड़ा हुआ जबकि पाकिस्तान में स्थिति उलटी है। उन्होंने कहा कि जब भारत ने विश्व कप टीम से सरदार सिंह को बाहर रखा तो मैं बड़ा हैरान हुआ लेकिन जब मैने उसकी जगह चुने गए खिलाड़ियों को खेलते देखा तो मैं दाद दिये बिना नहीं रह सका। भारत के पास इतने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का पूल है जबकि पाकिस्तान में कुल जमा 100 खिलाड़ी भी नहीं मिलेंगे। सरदार ने कहा, ‘हमें पता चल गया है कि विश्व हाकी में हम कहां है। मैं लैपटाप हाकी का हिमायती नहीं हूं लेकिन बदलते दौर में हमें इसे अपनाना होगा। मजबूत सहयोगी स्टाफ की जरूरत है जैसे कि भारत के पास है। यूरोपीय टीमों के खिलाफ हमें भी अधिक से अधिक हाकी खेलनी होगी, सिर्फ एशियाई स्तर पर खेलने से नहीं चलेगा।’

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उन्होंने पाकिस्तान में अगली नस्ल में हाकी के प्रति उदासीनता का हवाला देते हुए कहा कि उनके पास अनुकरण करने के लिये रोल माडल ही नहीं है। उन्होंने कहा, ‘एक जमाने में पाकिस्तान के पास दानिश कलीम, शाहबाज, अख्तर रसूल, समीउल्लाह जैसे कई धुरंधर थे जिन्हें देखकर नये बच्चे हाकी स्टिक उठा लेते थे। लेकिन सोहेल अब्बास, शकील अब्बासी और रेहान बट के बाद ऐसे हीरो पाकिस्तान हाकी को मिले ही नहीं। हम बड़े टूर्नामेंट जीत भी नहीं पा रहे तो स्कूली बच्चे कैसे हाकी खेलने को उत्सुक होंगे।’ सरदार ने हालांकि उम्मीद जताई कि इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने से हालत सुधरेंगे और जल्दी ही पाकिस्तान में हाकी ढर्रे पर लौटेगी।

उन्होंने कहा कि मैने इमरान से मुलाकात की है और हाकी के मसलों के बारे में बताया। वह खुद बड़े खिलाड़ी रहे है और उम्मीद है कि सरकारी मदद से हमारी हाकी अपना वजूद बचाने में कामयाब रहेगी। अभी नहीं संभले तो पाकिस्तान का हाकी का कोई मुस्तकबिल नहीं रहेगा।

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